भोपाल

इस सरकारी स्कूल के सभी बच्चे फर्स्ट डिवीजन से पास, प्रायवेट स्कूलों में भी नहीं होती इस तरह की पढ़ाई

12वीं कक्षा में 62 बच्चे पढ़ते थे और सभी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए हैं।

भोपालJul 31, 2020 / 11:19 am

Pawan Tiwari

इस सरकारी स्कूल के सभी बच्चे फर्स्ट डिवीजन से पास, प्रायवेट स्कूलों में भी नहीं होती इस तरह की पढ़ाई

खरगोन. बच्चों की पढ़ाई का नाम जैसे ही आता पैरेंट्स उनके लिए शहर की सबसे अच्छी प्रायवेट स्कूल खोजने लगते हैं। सरकारी स्कूलों को लेकर अभिवावकों के मन में संदेश रहता है। लेकिन मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में एक ऐसा स्कूल है जहां का हर बच्चा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुआ है। स्कूल प्रबंधन ने इस सफलता का श्रेय शिक्षकों के साथ-साथ बच्चों और उनके अभिभावकों को दिया है।
12वीं का रिजल्ट 100 फीसदी
दरअसल, खरगोन जिले की करीब दो हजार की आबादी वाला गांव अहिरखेड़ा में 12वीं का रिजल्ट इन दिनों सुर्खियों का विषय बना हुआ है। यहां के शासकीय स्कूल में 12वीं कक्षा में 62 बच्चे पढ़ते थे और सभी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए हैं। इससे पहले भी इस स्कूल का रिजल्ट 100 फीसदी रहा है। इस सफलता को लेकर स्कूल के प्राचार्य सुरेन्द्र सिंह पंवार का कहना है कि वह चार सालों से इस प्रयास में थे कि स्कूल के सभी बच्चे प्रथम श्रेणी से उत्तीण हों। इसके लिए शिक्षकों के साथ-साथ
छात्रों ने भी जमकर मेहनत की।
क्या है सफलता का राज
स्कूल की सफलता का राज यह है कि यहां पहले दिन से पढ़ाई पर जोर दिया जाता है। प्राचार्य पंवार ने बताया कि स्कूल में पढ़ाई का बेहतर माहौल बनाने के लिए बच्चों की उपस्थिति जरूरी है। बच्चे बिना बताए छुट्टी नहीं ले सकते हैं। इसलिए छुट्टी के लिए अभिभावकों की अनुमति होना आवश्यक कर दी गई है। इसके अलावा सभी शिक्षक नियत समय सुबह 10.30 बजे से पहले स्कूल पहुंचकर शाम तक पूरी निष्ठा के साथ बच्चों को पढ़ाते हैं।
कितनी सुविधाएं
12 कक्षा के लिए सात नियमित और पांच अतिथि शिक्षक हैं।
सुबह 10.30 बजे से शाम 5 बजे तक नियमित कंक्षाओं का संचालन।
हर महीने अभिभावकों की मीटिंग पर बच्चों की कमजोरियों पर चर्चा।
तिमाही-अर्द्धवार्षिक और प्री-बोर्ड परीक्षाओं के आधार पर तैयारी।
परीक्षा के लिए मनोवैज्ञानिक तरीके से बच्चों के तैयार करना।
परिसर में पौधारोपण और खेल के मैदान।

Home / Bhopal / इस सरकारी स्कूल के सभी बच्चे फर्स्ट डिवीजन से पास, प्रायवेट स्कूलों में भी नहीं होती इस तरह की पढ़ाई

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.