104 हेल्पलाइन छात्रों को तनाव से मुक्त रखने के लिए शुरू की गई है। कंपनी प्रबंधन के अनुसार इसके बाद भी हेल्प लाइन पर डीटीएच और मोबाइल रिचार्ज, गैस एवं फिल्म के टिकट बुक कराने के लिए भी कॉल आते हैं। दुर्घटना के बाद कई बार लोग 108 एंबुलेंस सेवा की जगह 104 नंबर पर कॉल करते हैं।
परीक्षा का तनाव कम करना था उद्देश्य
104 का मकसद छात्रों को सेहत के प्रति जागरूक करने के साथ परीक्षा के दौरान मानसिक रूप से मजबूत करना था। छात्रों के कॉल में से 70 फीसदी प्रेम प्रसंग संबंधी होते हैं। हर महीने करीब 17 हजार फ ोन आते हैं। इनमें से 13 से 14 हजार कॉल इसी तरह के हैं।
टेंशन जिन्हें चाहिए अटेंशन
केस-1 सीहोर निवासी 10वीं की छात्रा ने फोन कर खुद को परेशान बताया। काउंसलर्स ने पूछा आपके नंबर कम आए हैं या माता-पिता मनपसंद सब्जेक्ट नहीं लेने दे रहे। छात्रा ने कहा कि वह जिस लडक़े को पसंद करती है, वह दूसरी लडक़ी से प्यार करता है। इस पर उसे समझाइश दी गई।
केस-2 भोपाल के एक इंजीनियरिंग छात्र ने फोन कर कहा कि गर्लफ्रेंड की सगाई कहीं और हो गई है। इस वजह से वह दुखी है और कई बार आत्महत्या की कोशिश कर चुका है। ऐसे में परिजन की सलाह पर उसने 104 पर कॉल किया। काउंसलिंग के बाद वह डिप्रेशन से उबर पाया।
104 से इतनी मदद
– हेल्थ हेल्पलाइन- यहां डॉक्टर बीमारी से संबंधित सलाह देते हैं। एसएमएस से दवा बताई जाती है।
– मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग-डिप्रेशन दूर करने में मददगार।
– कॅरियर काउंसलिंग- 10वीं के बाद विषय चयन और 12वीं के बाद कॅरियर के लिए सलाह दी जाती है।
– शिकायत- सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए शिकायत की जा सकती है।