प्रसूताओं के साथ नवजातों को भी खतरा
शहर का सबसे बड़ा महिला अस्पताल होने के नाते सुल्तानिया अस्पताल में हमेशा भीड़ होती है। 235 बिस्तरों की क्षमता वाले इस अस्पताल में हमेशा 275 से ज्यादा महिलाएं भर्ती रहती हैं। यही नहीं इन प्रसूताओं के साथ उनके नवजात भी रहते हैं। ऐसे में इनको संक्रमण का खतरा बना रहता है।
शहर का सबसे बड़ा महिला अस्पताल होने के नाते सुल्तानिया अस्पताल में हमेशा भीड़ होती है। 235 बिस्तरों की क्षमता वाले इस अस्पताल में हमेशा 275 से ज्यादा महिलाएं भर्ती रहती हैं। यही नहीं इन प्रसूताओं के साथ उनके नवजात भी रहते हैं। ऐसे में इनको संक्रमण का खतरा बना रहता है।
गंदगी के बीच गुजार रहे दिन और रात
सुल्तानिया में भर्ती प्रसूताओं के परिजन परिसर में जगह की कमी के कारण कीचड़ के आसपास ही सोते हैं। कई बार इनके साथ छोटे बच्चे भी रहते हैं, लेकिन दोनों अस्पतालों के जिम्मेदार पानी की समस्या का विकल्प खोजने के बजाय जिद पर अड़े हुए हैं।
सुल्तानिया में भर्ती प्रसूताओं के परिजन परिसर में जगह की कमी के कारण कीचड़ के आसपास ही सोते हैं। कई बार इनके साथ छोटे बच्चे भी रहते हैं, लेकिन दोनों अस्पतालों के जिम्मेदार पानी की समस्या का विकल्प खोजने के बजाय जिद पर अड़े हुए हैं।
हम पीडब्ल्यूडी को कई बार लिख चुके हैं लेकिन कोई समाधान अब तक नहीं निकला। कोशिश कर रहे हैं जल्द ही हल निकलेगा।
डॉ. आईडी चौरसिया, अधीक्षक, सुल्तानिया अस्पताल
उन्हें अपने परिसर में नाली बनवानी चाहिए। हमारे अस्पताल में गंदगी क्यों होने दें। पीडब्ल्यूडी पानी निकासी की व्यवस्था करे।
डॉ. एसके गुप्ता, अधीक्षक, इंदिरा गांधी अस्पताल
डॉ. आईडी चौरसिया, अधीक्षक, सुल्तानिया अस्पताल
उन्हें अपने परिसर में नाली बनवानी चाहिए। हमारे अस्पताल में गंदगी क्यों होने दें। पीडब्ल्यूडी पानी निकासी की व्यवस्था करे।
डॉ. एसके गुप्ता, अधीक्षक, इंदिरा गांधी अस्पताल