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इस मामले में प्रदेश सरकार को लगी फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने जिस मामले को लेकर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है वो दमोह जिले का है। हटा में हुए बहुचर्चित कांग्रेस नेता देवेन्द्र चौरसिया हत्याकांड में बसपा विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह ठाकुर की अभी तक गिरफ्तारी न होने के कारण देवेन्द्र चौरसिया के बेटे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। पूर्व में याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी मध्यप्रदेश को आदेश दिया था कि विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह की गिरफ्तारी सुनिश्चित कराई जाए। लेकिन आरोपी की गिरफ्तारी न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने अब नाराजगी जाहिर की। जस्टिस एमआर शाह ने विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह की गिरफ्तारी न होने पर प्रदेश में जंगलराज होने की बात कहते हुए यहां तक कहा कि प्रदेश सरकार को ये मान लेना चाहिए कि वो संविधान के हिसाब से प्रदेश को नहीं चला पा रही है। उन्होंने आगे कहा कि हत्या के आरोपी विधायक पति को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है। सुप्रीम कोर्ट ने दमोह पुलिस अधीक्षक को भी हटाने की बात कही लेकिन कोई आदेश पारित नहीं किया। कुछ दिनों पहले हटा के जज जिन्होंने कि गोविंद सिंह के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था उन्होंने भी आरोप लगाया था कि पुलिस अधीक्षक ने उन्हें धमकाया है। सुप्रीम कोर्ट ने हटा न्यायाधीश की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के आदेश डीजीपी को दिए हैं।
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मार्च 2019 में हुई थी देवेन्द्र चौरसिया की हत्या
बता दें कि कांग्रेस नेता देवेन्द्र चौरसिया की हत्या करीब दो साल पहले मार्च के ही महीने में हुई थी। 3 से 4 गाड़ियों में सवार होकर आए दर्जनों लोगों ने घेरकर देवेन्द्र चौरसिया की हत्या कर दी थी और इस मामले में दमोह के पथरिया से बसपा विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह और उनके देवर का नाम भी सामने आया था। लगातार मामले को लेकर राजनीति भी हुई लेकिन दो साल का वक्त गुजरने के बाद भी विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है। हैरानी की बात तो ये है कि विधायक पति मध्यप्रदेश विधानसभा में तक दिखाई दिए थे लेकिन इसके बाद भी उसकी गिरफ्तारी न होने पर ये मामला मीडिया की सुर्खियां बना था।
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