निगम ने दावा किया है कि उन्हें एनजीटी के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिल चुका है, लेकिन नगर निगम सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी एनजीटी के समक्ष प्रस्तुत नहीं कर सके। इस मामले में अगली सुनवाई 12 दिसम्बर को होगी, एनजीटी ने नगर निगम को इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
रोक के बावजूद चल रहा स्लॉटर हाऊस, ‘पत्रिका’ की खबर को बनाया आधार
सुनवाई के दौरान एनजीटी द्वारा स्लॉटर हाऊस बंद करने के आदेश के बावजूद भी इसके संचालन होने का मामला उठा। याचिकाकर्ता के वकील आयुष देव वाजपेयी ने पत्रिका में 5 दिसम्बर को प्रकाशित खबर ‘बाहर गेट पर ताला, अंदर गुपचुप तरीके से चल रही स्लॉटरिंग’ के जरिए मौजूदा हालात बयां किए।
बेंच ने इस संबंध में जब नगर निगम से जवाब मांगा तो निगम के वकील ने बताया कि एनजीटी के आदेश के बाद से ही स्लॉटर हाऊस पर ताला लगा हुआ है। Óयूडीशियल मेंबर जस्टिस राघुवेन्द्र एस राठौर व एक्सपर्ट मेंबर सत्यवान सिंह ग्रब्याल की बेंच ने अपने आदेश में पत्रिका में प्रकाशित खबर का जिक्र करते हुए अगली सुनवाई में याचिकाकर्ता को इस संबंध में एक एफिडेविट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।