1 से 15 नवंबर तक राजस्व अभिलेखों के शुद्धिकरण का अभियान मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि जिलों में बड़े कार्यों की मॉनीटरिंग कलेक्टर स्वयं करें। अटल एक्सप्रेस-वे का नाम अब अटल प्रगति-वे होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में दिनाँक 1 से 15 नवंबर तक राजस्व अभिलेखों के शुद्धिकरण का अभियान चलाया जाएगा। राजस्व रिकॉर्ड में जितनी भी पेंडेंसी है, उसको समाप्त किया जाएगा। प्रदेश में 15 नवंबर को जनजाति गौरव दिवस है, भगवान बिरसा मुंडा के जन्म-दिवस पर राजस्व शुद्धिकरण अभियान पूर्ण होगा।
21 सितम्बर से जन-सुनवाई : समाधान एक दिन भी होगा आरंभ मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन में हर माह मॉनिटरिंग होगी। प्रदेश में 21 सितंबर से जन-सुनवाई आरंभ होगी। पूर्व की भांति प्रातः 11 से 12 बजे तक कलेक्टर-कमिश्नर और सभी विभागों के अधिकारी जनता से मिलेंगे और उनकी समस्याएँ जानेंगे। समाधान एक दिन अर्थात् वन-डे गवर्नेंस भी आरंभ होगा। चिन्हित सेवाओं में प्रातः आवेदन देने पर शाम तक उसका निराकरण किया जाएगा।
जन-भागीदारी मॉडल को शासन संचालन के अन्य क्षेत्रों में भी क्रियान्वित किया जाएगा मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वैक्सीनेशन का पहला डोज़ प्रदेश की 80 प्रतिशत पात्र जनसंख्या को लग चुका है, यह देश में बड़ी उपलब्धि है। जनता को जोड़कर हम कोविड-19 पर नियंत्रण कर पाए। वैक्सीनेशन का यह बड़ा लक्ष्य भी जन-भागीदारी से ही प्राप्त हुआ है। जन-भागीदारी के मॉडल को अन्य क्षेत्रों में भी क्रियान्वित किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्वालियर-चंबल संभाग में बाढ़ से निपटने में प्रशासन द्वारा की गई कार्यवाही और राहत कार्यों की सराहना की। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में डेंगू का प्रभाव बढ़ रहा है। भारत सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी की गई है। ब्लड प्लेटलेट्स कम होने से जीवन को खतरे की संभावना बनती है। हम बीमारी को फैलने नहीं देंगे। प्रशासनिक अमला, जन-प्रतिनिधियों और जनता को साथ लेकर प्रत्येक स्तर पर एन्टी लार्वा गतिविधियाँ चलाई जाएंगी।
वॉटसऐप पुलिसिंग नहीं चलेगी मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अवैध शराब पर लगातार कार्यवाही जारी रखें। अवैध शराब और नशीले पदार्थों पर नियंत्रण के लिए ग्राम स्तर तक इंटेलीजेंस नेटवर्क को सशक्त करें। पुलिस के अधिकारी क्षेत्र के दौरे और थानों के निरीक्षण सुनिश्चित करें। थानों पर शांति समिति की बैठकें और सामुदायिक पुलिसिंग की अवधारणा का क्रियान्वयन अनिवार्यत: हो। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वॉटसएप पुलिसिंग नहीं चलेगी। दुष्टों के लिए वज्र सा कठोर और भले व्यक्ति के लिए फूल सा कोमल व्यवहार आवश्यक है। हमारा लक्ष्य जनता को राहत देना है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राशन की कालाबाजारी को शून्य करना, मिलावट को रोकना और चिटफंड कम्पनियों पर नियंत्रण भी आवश्यक है।
गलती करने वालों को नहीं छोड़े मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति और कमजोर तबके पर अत्याचार के संबंध में सजग रहने की आवश्यकता है। इस दिशा में कलेक्टर, एस.पी. अतिरिक्त सावधानी बरतें। यह छवि होनी चाहिए कि गलती करने वालों को पुलिस नहीं छोड़ेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने सूदखोरों द्वारा ऊँची दर पर ब्याज वसूलने के मामले में अनूपपुर एस.पी. द्वारा की गई कार्यवाही की प्रशंसा की। चिन्हित अपराधों की भी बैठक में समीक्षा हुई।
कलेक्टर, एस.पी. से लेकर मैदानी अधिकारियों तक पुरस्कार की व्यवस्था मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जो अधिकारी अच्छा कार्य कर रहे हैं, उन्हें पुरस्कृत करने के लिए व्यवस्था स्थापित की जाए। श्रेष्ठता को रिकार्ड में दर्ज करना आवश्यक है। कलेक्टर, एस.पी. के साथ मैदानी स्तर के अधिकारियों को पुरस्कृत करने की व्यवस्था हो। मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस के अवसर पर ऐसे अधिकारियों को सम्मानित किया जाए। साथ ही जिन अधिकारियों का परफार्मेंस ठीक नहीं है, उनके संबंध में टीप रिकार्ड में अंकित होनी चाहिए।
अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों में विलंब न हो मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों में विलंब न हो। परिवार के पात्र सदस्य को जल्द नियुक्ति देना आवश्यक है। इसके लिए निश्चित व्यवस्था स्थापित की जाए।
सोशल मीडिया-गुड गवर्नेंस का प्रभावी साधन मुख्यमंत्री चौहान ने जिला स्तर पर सोशल मीडिया प्रबंधन की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया गुड गवर्नेंस का प्रभावी साधन है। जनता अपनी समस्याएँ सोशल मीडिया पर सरलता से रख सकती है। इस आधार पर समस्याओं का समाधान होना जनता के लिए बड़ी राहत है। साथ ही जिला प्रशासन अपने अच्छे कार्यों को सोशल मीडिया के माध्यम से जनता तक पहुँचा सकता है। भ्रामक खबरों का रियल टाइम खण्डन भी इससे सुनिश्चित होता है। अत: शासन-प्रशासन के लिए जनता से संवाद का यह प्रभावी माध्यम है।
“मुझे क्या लेना-देना” का भाव छोड़कर सोशल मीडिया पर सक्रिय हों कलेक्टर मुख्यमंत्री चौहान ने कहाकि सोशल मीडिया नेटवर्क को सशक्त करने के लिए जिलों को राज्य शासन की ओर से आवश्यक सहयोग और समर्थन उपलब्ध कराया जाए। कॉन्फ्रेंस में विभिन्न संभागों और जिलों की ट्वीटर और फेसबुक पर सक्रियता के संबंध में आयुक्त जनसंपर्क डॉ. सुदाम खाड़े द्वारा प्रस्तुतिकरण दिया गया। रीवा, दमोह, सागर, जिला प्रशासन द्वारा किए गए विशेष कार्यों, अन्य जिलों द्वारा चलाई गई स्पेशल कैम्पेन के साथ ही क्राइसिस मैनेजमेंट, भ्रामक जानकारियों का खण्डन करने में सोशल मीडिया की भूमिका की जिलावार जानकारी दी गई। प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि शहडोल, खरगेन, रतलाम आदि जिलों ने सोशल मीडिया पर जानकारी आने के परिणामस्वरूप त्वरित रूप से कार्यवाही करते हुए लोगों को राहत पहुँचाई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कलेक्टर “मुझे क्या लेना-देना” का भाव छोड़कर सोशल मीडिया पर सक्रिय हों।