मूक बाधिर बालिका गीता को भारत लाने और उनके पुनर्वास में सुषमा स्वराज की महत्वपूर्ण भूमिका थी। पाकिस्तानी रेंजर्स को आठ साल की उम्र की मूक बाधिर बालिका समझौता एक्सप्रेस पर बैठे हुए लाहौर रेलवे स्टेशन पर मिलीं थीं। गीता का 2015 में भारत लाया गया।
22 जुलाई 2018 को जब सुषमा स्वराज इंदौर आईं थी तो उन्होंने गीता से करीब 20 मिनट बात की थी। उसके बाद उन्होंने गीता से शादी के लिए पूछा था। इस दौरान गीता ने कहा था मां-बाप मिलने के बाद शादी करूंगी। सुषमा गीता के मां बाप को खोज रही थीं।
सुषमा स्वराज ने जनता से गीता के परिजनों को तलाशने में मदद करने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि जो व्यक्ति गीता के मां-बाप को मिलवाएगा उसे एक लाख रुपये इनाम में दिए जाएंगे। सुषमा स्वराज ने कहा था कि जब भी मैं गीता से मिलती हूं तो वो शिकायत करती है और कहती है कि मैडम किसी तरह मेरे मां-बाप को ढूंढ दो। सुषमा स्वराज ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जो भी गीता के मां-बाप हों सामने आएं। सुषमा ने कहा था मैं इस बेटी को बोझ नहीं बनने दूंगी। इसकी शादी, पढ़ाई की सारी जिम्मेदारी मैं उठाएंगी।