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बर्खास्तगी के खिलाफ IAS शशि कर्णावत की राष्ट्रपति से लगाई फरियाद

locationभोपालPublished: Sep 24, 2017 12:31:53 pm

उन्होंने राष्ट्रपति को बताया कि मप्र सरकार ने किस तरह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उन्हें प्रताड़ित किया और बर्खास्त करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

Suspend IAS officer Shashi Karnawat
भोपाल। बर्खास्त आईएएस शशि कर्णावत ने अपनी बर्खास्तगी के विरूद्ध राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भेंट की। हाल ही में बर्खास्त हुई आईएएस शशि कर्णावत ने अपनी बर्खास्तगी को चुनौती देते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर उन्हें वास्तविकता से अवगत कराया।
इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति को यह भी बताया कि मप्र सरकार ने किस तरह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उन्हें प्रताड़ित किया और बर्खास्त करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कर्णावत ने राष्ट्रपति को वे दस्तावेज भी दिखाए जिनके आधार पर उन्हें दोषी करार दिया गया। गौरतलब है कि अपनी बर्खास्तगी के विरूद्ध शशि कर्णावत ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को चुनौती दी थी कि अब वे इस बर्खास्तगी के विरूद्ध सड़कों पर उतरेगी तथा किसी भी हद तक जा सकती है।
यह है मामला:
मध्यप्रदेश सरकार ने आईएएस शशि कर्णावत के निलंबन की अवधि 4 महीने और बढ़ा दी गई। कर्णावत को मंडला जिला पंचायत में हुए प्रिंटिंग घोटाले में वहां की विशेष अदालत ने दोषी मानते हुए 27 सितंबर 2013 को पांच साल की सजा और पचास लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी। कर्णावत घोटाले के दौरान जिला पंचायत सीईओ थीं, कर्णावत तभी से निलंबित हैं। उनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। सरकार ने जनवरी 2015 में उन्हें बर्खास्त करने का प्रस्ताव केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय को भेज दिया था, जो अभी विचाराधीन है। कर्णावत फिलहाल जमानत पर हैं। उन्होंने हाईकोर्ट में निर्णय के खिलाफ अपील की है।
सरकार पर भड़कीं
निलंबन के बाद शशि कर्णावत ने कहा था कि यह सरकार दलित विरोधी है। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बावजूद उन्हें बहाल नहीं किया गया। मैं 14 अगस्त के बाद अपनी रणनीति तय करूंगी। 1999 बैच की आईएएस शशि कर्णावत कई जिलों में एडीएम रह चुकी हैं। वे खेल तथा युवक कल्याण विभाग में डिप्टी सेके्रटरी भी रही हैं।
जानिए कर्णावत से जुड़े विवाद :—

मंच से ललकारा था सरकार को :
जनवरी 2016 में कर्णावत और आईएएस रमेश थेटे दलित आदिवासी फोरम की सभा में पहुंचे थे। दोनों ने मंच से ही प्रदेश सरकार पर भेदभाव करने के आरोप लगाए थे। उन्होंने तत्कालीन लोकायुक्त जस्टिस पीपी नावलेकर को भी जमकर घेरा था और कहा था कि ऐसा ही रवैया रहा तो जल्द कोई अंबेडकरवादी प्रदेश का मुख्यमंत्री बन जाएगा।
सरकार ने दिया था आश्वासन :
मैहर उपचुनाव के ठीक पहले थेटे और कर्णावत के बागी तेवरों से सरकार सकते में आ गई थी। रोहित वेमुला का मुद्दा तब गर्म था। भाजपा को दलित वोट बैंक खिसकने की चिंता था। मुख्यमंत्री ने उन्हें चर्चा के लिए बुलाया था और आश्वासन दिया था। वे वित्त मंत्री जयंत मलैया से भी मिली थीं।
महामंडलेश्वर बनने की जताई थी इच्छा :
जून 2016 में कर्णावत ने साध्वी बनने की चाहत जताई थी। वेे सिंहस्थ में 34 दिन तक व्यास गद्दी पर भी बैठी थीं। कहा था कि वे अभी दो अखाड़ों के संपर्क में हैं और किसी से भी अनुमति मिलने के बाद महामंडलेवर के रूप में प्रकट हो सकती हैं। परिवार ने भी इसकी अनुमति दे दी है।
मांगी थी इच्छा मृत्यु :
पिछले दिनों डॉ. शशि कर्णावत ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चि_ी लिखकर इच्छा मृत्यु मांगी थी। उन्होंने लिखा था कि तीन साल से मैं न्याय के लिए गुहार लगा रही हूं। अब न्याय पर से मेरा भरोसा उठा गया है। मैं दलित हूं शायद इसलिए मेरे साथ न्याय नहीं हो पा रहा है। कर्णावत ने हनुवंतिया टापू में जलसमाधि लेने की बात भी कही थी।
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