समितियों के जरिए भाजपा संगठन ने 80 से ज्यादा नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है जिनमें वरिष्ठ नेता, मंत्री, सांसद और विधायक शािमल हैं। प्रबंधन समिति की तीन बैठकों के बाद फाइनल हुई सूची के सामने आते ही कई नेता नाखुश हो गए हैं । नेताओं की भाषा में तल्खी तो नहीं थी लेकिन नाराजगी साफ झलक रही थी।
नंदकुमार हुए नजरअंदाज
डेढ़ महीने पहले तक प्रदेश भाजपा की कमान संभाल रहे नंदकुमार सिंह चौहान पद से अलग क्या हुए संगठन ने उनको भुला दिया। नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि मुझे क्या काम करना है ये पार्टी तय करती है, पार्टी ने जो फैसला लिया है उचित ही लिया होगा, संगठन जो काम सौंपेगा वो मुझे स्वीकार होगा, मैं अभी सांसद के नाते अपने क्षेत्र में काम कर रहा हंू।
डेढ़ महीने पहले तक प्रदेश भाजपा की कमान संभाल रहे नंदकुमार सिंह चौहान पद से अलग क्या हुए संगठन ने उनको भुला दिया। नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि मुझे क्या काम करना है ये पार्टी तय करती है, पार्टी ने जो फैसला लिया है उचित ही लिया होगा, संगठन जो काम सौंपेगा वो मुझे स्वीकार होगा, मैं अभी सांसद के नाते अपने क्षेत्र में काम कर रहा हंू।
अनूप की अनदेखी मुरैना सांसद अनूप मिश्रा को भी इन समितियों में शामिल न कर अनदेखी की गई है । अनूप मिश्रा ने कहा कि पार्टी ने कभी मुझसे कहा नहीं कि मैं योग्य हंू या अयोग्य, पार्टी किस योग्य मानती है उस हिसाब से मुझे काम सौंपेगी, हो सकता है मुझे किसी और मामले में जिम्मेदारी दी जाए। संगठन के सामने जब ये बात आएगी तो इस बारे में अपनी आपत्ति दर्ज कराउंगा।
फिर अलग-थलग गौर और सरताज
शिवराज मंत्रिमंडल से हटाए गए पूर्व मंत्री बाबूलाल गौर और सरताज सिंह फिर अलग-थलग पड़ गए। इस बारे में बाबूलाल गौर ने तो कुछ प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन सरताज सिंह जरूर नाराज नजर आए। सरताज सिंह ने कहा कि अब पार्टी को हमारी जरूरत नहीं होगी, उन्होंने हमको रिटायर मान लिया है, किसे जिम्मेदारी देना है किसे नहीं ये उनके विवेक पर निर्भर करता है, पीड़ा झेलने की तो हमे आदत सी हो गई है, इस बारे में पार्टी से मुझे कोई बात नहीं करना।
शिवराज मंत्रिमंडल से हटाए गए पूर्व मंत्री बाबूलाल गौर और सरताज सिंह फिर अलग-थलग पड़ गए। इस बारे में बाबूलाल गौर ने तो कुछ प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन सरताज सिंह जरूर नाराज नजर आए। सरताज सिंह ने कहा कि अब पार्टी को हमारी जरूरत नहीं होगी, उन्होंने हमको रिटायर मान लिया है, किसे जिम्मेदारी देना है किसे नहीं ये उनके विवेक पर निर्भर करता है, पीड़ा झेलने की तो हमे आदत सी हो गई है, इस बारे में पार्टी से मुझे कोई बात नहीं करना।
अनूप मिश्रा वरिष्ठ नेता है उन्हें जल्द कहीं न कहीं कोई जिम्मेदारी दी जाएगी। उनके नाखुश होने का सवाल ही नहीं उठता। वे तो अनुभवी और ग्वालियर चंबल के बड़े नेता है। बाकी नेताओं को भी पार्टी समय आने पर दायित्व देगी। नंदकुमार सिंह चौहान के बारे में मुझे यह जानकारी है कि उन्होंने स्वयं ही मना किया था।
– कैलाश विजयवर्गीय, राष्ट्रीय महामंत्री, भाजपा