काले कानून का विरोध
सवर्ण समाज के लोगों ने ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कहा कि नेताओं की जो आत्माएं मर चुकी हैं जिससे आज एक ऐसे कानून पारित कर रहे हैं। जो समाज को कई भागों में बांट रहा। उन्हे ईश्वर सद्बुद्धि प्रदान करें। इस दौरान सवर्ण ने एक बार फिर एससी-एसटी एक्ट के विरोध में आनोखा प्रदर्शन किया।
उनका कहना है कि एससीएसटी एक्ट को वापस कर वर्ग भेद खत्म हो और समाज में एक भाईचारा बना रहे। इस दौरान कार्यक्रम में प्रमुख रूप से राकेश चतुर्वेदी, शिवनारायण शर्मा, रमेश लिटोरिया, श्रीकांत अवस्थी, रूपनारायण शास्त्री, मुकेश, सुनील शास्त्री, शिव शंकर पटेरिया, सत्यनारायण तिवारी, अंकित मिश्रा, रामकृपाल दुबे, पीएन कटारे, संजीव शर्मा उपस्थित थे।
विरोध में दिया त्यागपत्र
इधर, शिवराज सरकार में केबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त पदमा शुक्ला ने त्यागपत्र दिया। जिसके बाद कटनी में संजय पाठक के खिलाफ इस्तीफों की झड़ी लग गयी। देखते ही देखते भाजपा के कई दिग्गज नेता पार्टी को त्यागपत्र देना शुरू कर दिए। भाजपा के 24 नेताओं द्वारा त्यागपत्र की खबर से राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया। पदमा शुक्ला के इस्तीफा के बाद विजयराघवगढ़ के 24 अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने प्रदेश अध्यक्ष को अपना इस्तीफा दिया है।
भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने लेटर लिखकर कहा है कि विजय राघवगढ़ विधानसभा में भाजपा कार्यकर्ताओं के उपर हो रहे अत्याचार और प्रताडना से परेशान हो कर पदमा शुक्ला के अपना इस्तीफा दिया है। इसके बाद कटनी में संजय पाठक के खिलाफ इस्तीफों की झड़ी लग गयी। इतनी बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकताओं के इस्तीफें के बाद राजनीतिक गलियारे में हडकंप मच हुआ है।
आनोखा प्रदर्शन
श्राद्ध पक्ष में अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण किया जाता है। लेकिन इस बार काले कानून के विरोध में सवर्ण समाज के लोगों ने हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार नेताओं की आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं और नदी में स्नान करने के पश्चात जल में काले तिल, पुष्प इत्यादि से उनका तर्पण कर आनोखा प्रदर्शन किया।