तीनों मरीजों का उपचार निजी अस्पताल में चल रहा था। इसकी पुष्टि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.़ एनयू खान ने की। मालूम हो कि शहर में स्वाइन फ्लू के मृतकों की संख्या बढ़कर दस हो गई है। वहीं प्रदेश में अब तक 38 मरीजों की जान जा चुकी है।
गौरतलब है कि बीते सालों की तुलना में इस बार प्रदेश में स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या खासी कम है। हालांकि इससे मरने वाले मरीजों की संख्या देश में सबसे ज्यादा है। इस साल मप्र में स्वाइन फ्लू से पीडि़त हर चौथे मरीज की मौत हो रही है।
इस बीमारी को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर रखा है। सभी जिला अस्पतालों के साथ चुनिंदा निजी अस्पतालों को भी इसकी दवा उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ जिला अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड भी बनाए गए हैं।
लेजर से दूर हो रहा नवजातों का अंधत्व हमीदिया अस्पताल में नवजात बच्चों को अंधत्व से बचाने के लिये रेटिनोपैथी ऑफ प्री-मैच्योरिटी नेत्र जांच और लेजर ट्रीटमेंट शुरू हो गया है। यहां अब तक दो हजार से ज्यादा नवजात शिशुओं का इससे इलाज किया गया है। हमीदिया अस्पताल के ऑप्थेल्म्नोलॉजी विभाग में इसके लिये मंगलवार, गुरूवार और शनिवार को सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक ओपीडी चलरही है। डॉक्टरों के मुताबिक समय से पहले लेने वाले बच्चों की आंख के पर्दे (रेटिना) पर गैर जरूरी नसों का जाल बन जाता है जो बच्चों को अंधा बना सकती है। इस जाल को लेजर के माध्यम से खत्म किया जाता है।