ऐसे में अब मध्यप्रदेश यानि MP में कार्यरत विशेषज्ञ, चिकित्सा अधिकारी, प्रशासकीय पदों पर कार्यरत अधिकारी, पैरा-मेडिकल एवं नर्सिंग स्टॉफ आगामी आदेश तक आकस्मिकता की स्थिति को छोड़कर अवकाश पर नहीं जा सकेंगे। यह निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस संबंध में सभी क्षेत्रीय संचालक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन-सह-मुख्य अस्पताल अधीक्षक को निर्देश जारी कर दिया गया है।
निर्देश में कहा गया है कि यह निर्णय प्रदेश में वर्तमान में मौसमी बीमारियों के नियंत्रण और चिकित्सकीय कार्य व्यवस्था के सुचारु संपादन के लिए लिया गया है। मध्यप्रदेश में इस बार रही अनियमित बारिश की स्थिति और मच्छरों के प्रकोप के कारण न केवल हर मोहल्ले संक्रमित बुखार के मरीज बढ़ रहे हैं, बल्कि अस्पतालों में भी मरीजों की भीड़ लग रही है, हालात ये हैं कि कई अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने के लिए पर्याप्त सुविधाएं भी नहीं हैं।
अवकाश को निरस्त करते हुए निर्देश जारी :
यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सक संवर्ग के ऐसे अधिकारी, जो लम्बे अवकाश पर हैं, उनके अवकाश को निरस्त करते हुए तत्काल कर्त्तव्य पर उपस्थित होने के निर्देश जारी किए हैं। इस दौरान विदेश यात्रा एवं किन्हीं अन्य कारणों से कर्त्तव्य से अनुपस्थिति की भी अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी।
Swine Flu से जुड़े कुछ मिथक:
डॉक्टरों के मुताबिक स्वाइन फ्लू को लेकर बहुत से मिथक या अफवाहें हैं, जो बिलकुल बेबुनियाद हैं, अत: इनसे बच कर रहें… 1. स्वाइन फ्लू का इलाज नहीं है. इलाज है, in fact अगर स्वाइन फ्लू के सिम्पटम्स आने के 48 घंटे के अन्दर अगर इसकी दवा खा ली जाए तो ये काफी हद तक नियंत्रित हो जाता है.
2. यदि गले में खराश के साथ-साथ खांसी और छींक आ रही है मतलब स्वाइन फ्लू हो गया है। नहीं, इसका सही पता टेस्ट से ही चलता है। 3. भारत में स्वाइन फ्लू के इलाज के लिए दवाओं की कमी है। ऐसा भी नहीं है, भारत में पर्याप्त दवाएं और vaccinations मौजूद हैं।
4. अगर आप 5 साल से अधिक और 65 साल से कम हैं तो आपको स्वाइन फ्लू नहीं हो सकता। ये किसी को भी हो सकता है, पर 5 से कम और 65 से ज्यादा उम्र के लोगों को खतरा अधिक होता है।
स्वाइन फ्लू से कैसे बचें? / Swine Flu Prevention in Hindi:
इससे बचने का सबसे अच्छा उपाय है वैक्सीनेशन। आमतौर पर जो flu vaccination होता है वही स्वाइन फ्लू से बचाव में भी काम आता है। इसलिए यदि आपके इलाके में इस बीमारी के फैलने की खबर है और आप ऐसे ग्रुप में आते हैं जिन्हें इस बीमारी का खतरा अधिक है तो आप ऐतिहातन ये vaccination ले सकते हैं।