डॉ.सिंह ने कहा कि ऐसे में डॉक्टर से सम्पर्क कर इसे बढऩे से रोका जा सकता है। देर से इलाज शुरू होने पर यह सामान्य लक्षण भी गंभीर हो सकते हैं। देश के प्रख्यात हीमेटोलॉजिस्ट डॉ.तेजिन्दर सिंह ने बताया कि वे दस सालों से अलग-अलग टाइप के ब्लड कैंसर की स्लाइड्स को एकत्रित कर रहे हैं ताकि भविष्य के डॉक्टरों को पढ़ाया जा सके। वे माइक्रोस्कोप पर इन स्लाइड्स के बच्चों को बताते हैं कि कौन से कैंसर के सेल्स माइक्रोस्कोप पर कैसे दिखते हैं।
इस वर्कशॉप में देशभर के करीब सौ पैथोलॉजिस्ट ने भाग लिया। एम्स दिल्ली के हीमेटेलॉजी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ.एचपी प्रजापति, डॉ.नंदिता त्रिपाठी दिल्ली, डॉ.नीलकमल कपूर एचओडी पैथोलॉजी विभाग एम्स भोपाल, डॉ.दीप्ति जोशी, डॉ. गरिमा गोयल प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
बोनमेरो सैंपलिंग और प्रोसेसिंग भी सिखाई: विशेषज्ञों ने बताया कि कूल्हे की हड्डी से बोनमेरो निकालने की प्रक्रिया दर्दनाक होती है यदि सैंपल लेने के बाद उसकी प्रोसेङ्क्षसग सही तरीके से नहीं हुई तो मरीज को दोहरे दर्द से गुजरना पड़ेगा।
ब्लड कैंसर के लक्षण
— ब्रश करने पर मसूडों से यदि खून बहता हुआ दिखे
— ब्लड़ सैंपल लेने के बाद खून देर से बंद हो रहा हो
— गले, स्तन सहित शरीर के किसी हिस्से में गठानें हों
— दिखाई देने में परेशानी होने के साथ सिरदर्द होना
— पेशाब के दौरान और पेशाब करने के बाद तकलीफ होना
— सांस लेने में तकलीफ होना
— बॉडी की इम्युनिटी घटना