राजस्व अधिकारी संघ के बैनर तले आंदोलन कर रहे अधिकारियों का कहना है कि वे लगातार तीन साल से संसाधन के अभाव से जुझ रहे हैं। लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। सितम्बर माह में 23 से 30 तारीख तक जिला स्तर पर विधायकों को अपनी मांगों के संबंध में ज्ञापन दिया लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई।
मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय मांगा लेकिन मुलाकात का समय भी नहीं दिया गया। राजस्व अधिकारी संघ का कहना है कि संवर्ग के अधिकारियों की वेतन ग्रेड पे समकक्ष पदों से कम है। इसके लिए कई बार सरकार को पत्र लिखे, विस्तृत मांग पत्र भी रखा लेकिन कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई। इसलिए चरण बद्ध आंदोलन का निर्णय लिया गया।
13 अक्टूबर तक सामूहिक अवकाश लेकर जिला मुख्यालयों पर धरना दिया जाएगा। 13 तारीख को भी मंत्रालय के सामने धरना होगा। सरकार ने मांग नहीं मानी तो १४ से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी जाएगी। संघ ने इसकी लिखित सूचना मुख्य सचिव सहित राज्य सरकार अन्य जिम्मेदार अफसरों को दे दी है।
इसलिए भी हडताल की वजह —
तहसीलदार पिछले दस साल से पदोन्नति की मांग कर रहे हैं। वेतन विसंगति 2008 से दूर नहीं की गई हैं। जब—जब मांग की गई तो सरकार की ओर से सिपर्फ भरोसा दिलाया गया लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
6 तहसीलदारों का वेतन अटका —
इंदौर से ट्रांसफर किए गए 4 तहसीलदारों को रिलीव नहीं किए जाने के कारण यहां पदस्थ किए गए 6 नए तहसीलदार का वेतन अटक गया है। ये नए तहसीलदार तीन माह से इंदौर में काम कर रह हैं। वहीं, पहले से पदस्थ तहसीलदार भी इंदौर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वेतन न मिलने से परेशान नव पदस्थ तहसीलदारों ने कलेक्टर इंदौर, राजस्व मंत्री, प्रमुख सचिव राजस्व और कमिश्नर इंदौर से इस मामले में संज्ञान लेकर वेतन दिए जाने की मांग की है।