इंदौर

कोविड के बाद इन अंगों का रखें ख्याल, अंगों को इस तरह खराब कर देता है कोरोना

शरीर के अंगों को पहुंचाता है नुकसान, हमेशा रहे डॉक्टर्स के संपर्क में

इंदौरDec 17, 2021 / 04:57 pm

Hitendra Sharma

भोपाल. कोरोना की भयावयता से हमारा देश प्रदेश पिछली दो लहर में रूबरू हो चुका है। कोविड के बाद अब भी लोग नित नई समस्याओं से जूझ रहे हैं। कोविड ठीक होने के बाद इका असर शरीर में बना रहता है। संक्रमण के बाद मरीजों के शरीर में कई तरह के बदलाव सामने आए हैं।

दो साल पहले शुरू हुए कोविड ने पूरी दुनिया को घरों में कैद रहने पर मजबूर कर दिया। कोरोना ने ना केवल हमारे शरीर और दिमाग बल्कि पूरी दिनचर्या को ही बदल दिया है। कोविड के बाद लोग घरों में कैद हो गए जिससे शरीर का वजन बढ़ गया वही वर्क फॉम होम ने हमारी आखों को मिलने वाले आराम को भी खत्म कर दिया। मोबाइल और कम्प्यूटर का स्क्रीन टाइम बढ़ गया।

आम सर्दी जुकाम जैसा दिखने वाले कोरोना ने मरीजों के फेफड़ों, दिल, स्किन, पैर, बाल और स्टेमिना पर विपरीत असर डाला है। आइए अब आपको बताते हैं कि कोविड के बाद ठीक हुए लोगों के शरीर पर कैसा असर हुआ है। गांधी मेडिकल कॉलेज के डॉ राकेश मालवीय ने बताया कि कोविड के बाद शरीर के कई अंग कमजोर हो जाते हैं। जिनका ध्यान रखना बहुत जरूरी है।

फेफड़ों पर बुरा असर
कोरोनो सबसे पहले फेफड़ों पर ही असर डालता है। कोविड से ठीक हुए मरीजों के फैफड़ों में घाव पाए गए हैं। ठीक होने के बाद भी फेफड़े अपनी पुरानी क्षमता को प्राप्त नहीं कर पाते हैं। फेफड़ों के अपने सिकुड़ते की क्षमता कम हो जाती है और मौसम बदलने या अनुकूल मौसम स्थितियों में एसे लोगों के फेफड़ों जल्दी संक्रमण हो जाते हैं।

कमजोर दिल
कोरोना का दूसरा सबसे ज्यादा असर दिल पर होता है। कोरोना संक्रमण के दौरान भी कई मरीजों की हार्ट अटैक से मौत की घटनाए सामने आई थी। जो लोगों संक्रमितम हुए उनमें दिल से जुड़ी बीमारियां अचानक से बढ़ गई। जिन लोगों को गंभीर कोविड संक्रमण हुआ उनके दिल को कोरोना ने कमजोर कर दिया। कुछ लोगों को कान से संबंधित समस्या हुई और समय पर इलाज नहीं मिलने पर लोगों का दिल भी कमजोर हो गया।

आंखों पर बुरा असर
कोविड के साथ या उसके बाद ब्लैक फंगस ने लोगों की आंखें ही छीन ली। कोरोना के मरीजों के आंखों की समस्या से पेरशान होना पड़ा। अस्पतालों में अलग से वार्ड बनाने पड़े। वही कोविड और लॉकडाउन के चलते लोग घरों में कैद हो गए और ऑनलाइन क्लास – वर्क फ्रॉम होम ने आंखों पर बुरा असर डाला। आंखों में सूजन और रूखापन नम्बर बढ़ने की समस्या आम हो गई।

बालों पर पुरा प्रभाव
कोविड से ठीक हुए लोगों को बालों की समस्या का भी सामना करना पड़ रहा है। जो लोग कई महीनों के बाद कोरोना से ठीक होने हुए उनके बाल तेजी से झड़ने लगे। हालांकि राहत की बात यह है कि यह समस्या कम समय के लिए ही आपको परेशान कर सकचती है बाद में कुछ सावधानियां रखने पर बाल वापस भी आने लगे। जिससे लोगों में गंजा होने का डर बन गया।

त्वचा रोगों में बढ़ात्तरी
कोरोना के बाद त्वचा रोगों में अचानक हुई बढ़ात्तरी के बाद पता चला कि लोगों के होंठ सूजे हुए, चेहरे पर फुंसियां, सेनेटाइजर और मास्क के इस्तेमाल से भी स्किन पर रिएक्शन हुआ। ठीक होकर आए मरीजों की स्किन में सूजन शरीर में कहीं भी सूजन को पोस्ट कोविड के लक्षण माना गया।

दांतों पर बुरा असर
कोरोना महामारी के बाद अचानक से दंत चिकत्सकों के पास बड़ा संख्या में लोग पहुंचने लगे हैं। रूट कैनाल सहित कई रोगों के मरीज बढ़ गए हैं। कोरोना ने शरीर में रक्त वाहिकाओं को संक्रमित किया जिससे दांत, मसूड़ों और जीभ में पहुंचने वाले खून में रुकावट आई और नई समस्याएं पैदा हो गई।

पैरों हड्डियों पर प्रभाव
कोविड से ठीक होने के बाद कुछ लोगों में हड्डियों और पैरों में यूरिक एसिड बढ़ गया। ज्यादातर लोगों की हड्डियां कमजोर हो गई। कुछ लोगों के पैर सूज गए हैं जिससे लोग अपने ही जूते नहीं पहन पाते हैं। पैरों की पिडली में दर्द की समस्या भी सामने आई है।

सांस फूलने की समस्या
निमोनिया को कोविड की तरह का संक्रमण माना जाता रहा है लेकिन लम्बे समय तक निमोनिया की शिकायत होने पर भी लोगों की स्टेमिना कम नहीं हुई जवकि कोविड के बाद ठीक हुए लोगों की सांस फूलने लगती है। इसकी वजह से लोगों को कमजोरी का एहसास होता है।

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