भोपालPublished: Sep 08, 2023 08:30:31 pm
Roopesh Kumar Mishra
- भीड़ प्रबंधन में छूट रहा नेताजी का पसीना
भोपाल@रूपेश मिश्रा
क्या खाक मजा है..जब नेताजी के साथ सौ- पचास आदमी जिंदाबाद के नारे लगाते ना चले। असल में तो भीड़ ही तय करती है नेताजी का सियासी वर्चस्व और कद। लेकिन इस भीड़ का प्रबंधन अब नेताजी के पसीने छुड़ा रहा है। क्योंकि चुनाव में छुटभैये नेता से लेकर दिग्गजों तक को भीड़ चाहिए। लेकिन भीड़ भी उसी के साथ जाएगी जिसके साथ भरपुर सेवा- पानी मिलेगा। लिहाजा इस चुनावी सीजन में इंसानों की बोली लगना शुरू हो गई है। बता दें पत्रिका ने इस रिपोर्ट को तैयार करने से पहले करीब 10 दिनों तक राजनीतिक दलों के दफ्तर के बाहर टिकट मांगने वाले दावेदारों के साथ आई भीड़ से चर्चा की तब जाकर कुछ रोचक तथ्य निकलकर सामने आए।