script

तवा, इंद्रा, वाण सागर सहित अन्य बड़े-बड़े बाधों आस-पास तैयार होगा उद्यानिकी पर्यटन

locationभोपालPublished: Feb 17, 2020 09:36:39 am

Submitted by:

Ashok gautam

फल, फूल और सब्जी की होगी जैविक खेती

तवा, इंद्रा, वाण सागर सहित अन्य बड़े-बड़े बाधों आस-पास तैयार होगा उद्यानिकी पर्यटन

तवा, इंद्रा, वाण सागर सहित अन्य बड़े-बड़े बाधों आस-पास तैयार होगा उद्यानिकी पर्यटन

भोपाल। इंद्रा सागर, वाण सागर, तवा सहित अन्य बड़े-बड़े बांधों के आस-पास सरकारी जमीनों पर जैविक फल, फूल और सब्जी की खेती की जाएगी। सरकार इस एरिया को उद्यानिकी पर्यटन के रुप में विकसित करेगी। यहां देश-विदेश के फल, फूल और सब्जियां उगाई जाएंगी।
उद्यानिकी विभाग के प्रस्ताव के अनुसार खेती करने के लए शिक्षित बेरोजगारों को 30 साल के लिए सरकारी जमीन लीज पर दी जाएगी। इसके बदले में युवाओं को 5 लाख रुपए प्रति एकड़ धरोहर राशि के रुप में उद्यानिकी विभाग में जमा करना पड़ेगा।
उद्यानिकी विभाग ने मुख्यमंत्री खाद्य प्रसंस्करण योजना लागू किया है। इसमें उद्योग विभाग क्षेत्रों में 30 फीसदी आरक्षित की गई ग्रीन लैंड, डेम के आस-पास और जिल में कृषि योग्य शासकीय जमीनों का एक क्लस्टर तैयार किया जाएगा। कुछ इंडस्ट्रियल क्षेत्रों में क्लस्टर तैयार किए गए हैं।
इन क्लस्टरों में उद्यानिकी की खेती के लिए शिक्षित बेरोजगारों से आवेदन भी बुलाए जा रहे हैं। युवाओं को उद्यानिकी की खेती करने एक से लेकर 3 एकड़ तक जमीन कुछ सालों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। अगर उपलब्ध भूखंडों से ज्यादा आवेदन उद्यानिकी विभाग में आते हैं तो जमीन आवंटन के लिए लाटरी सिस्टम लागू किया जाएगा।
वापस होगी राशि…

जमीन वापस करने के बाद युवाओं को धरोहर राशि उन्हें लौटा दी जाएगी। युवाओं से उद्यानिकी विभाग अधिकतम 30 साल और कम से कम एक साल के लिए करार करेगा। तय समय से पहले अगर युवा करार समाप्त करते हैं तो भी उन्हें पूरी राशि लौटाई जाएगी। जमीन की लीज तभी युवाओं के नाम की जाएगी जब वे 5 लाख रूपए प्रति एकड़ के मान से राशि विभाग में जमा कर देंगे। अपनी लीज किसी दूरे के नाम से युवा उद्यमी ट्रांसफर नहीं कर सकेंगे।
निर्माण एजेंसी से विकसित कराएगा जमीन
उद्यानिकी विभाग इन भूखंडों विकास निर्माण एजेंसियों के जरिए कराएगा। इसमें रोड़, पानी की लाइन और बिजली की उपलब्धता तैयार करने के बाद ही इसमें युवाओं को जमीन अवंटित करेगा। इसमें तीन तरह के प्लाट बनाए जाएंगे, जिसमें एक, दो और तीन एकड़ के प्लाट होंगे। इसके साथ ही इसमें फूल, फल और सब्जी के लिए अलग-अलग कॉरीडोर तैयार किया जाएगा।

प्रशिक्षण के साथ बेहतर बीज भी देंगे

क्लस्टर में खेती करने पर युवाओं को आधुनिक तकनीक से खेती करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ उन्हें उत्तम किस्म के बीज भी उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे युवा उत्पादकता बढ़ा सके। इसके अलावा यहां से उनके फल, फूल, सब्जी का संग्रहण, पैकिंग और खरीदी की भी व्यवस्था की जाएगी। इससे प्रयासों से ज्यादा लाभ किसानों को मिलेगा।
बड़े-बड़े बाधों के कैचमेंट और आस-पास के भूखंडों पर फल, फूल और सब्जियों की खेती कराने की योजना तैयार की गई है। इसके लिए राजस्व विभाग से इस तरह की जमीनों के संबंध में जानकारी मांगी गई है।
– एम काली दुरई, आयुक्त उद्यानिकी

ट्रेंडिंग वीडियो