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पूर्व केन्द्रीय मंत्री सोलंकी बोले, चाय बेची देश ने जाना अब देश की प्रोपर्टी बेच रहे हैं तो भी लोगों को जानना चाहिए

locationभोपालPublished: Sep 02, 2021 12:45:09 am

निजीकरण के खिलाफ कांग्रेस का बड़ा हमला, कहा व्यापारी हो गए हैं देश के पीएम

पूर्व केन्द्रीय मंत्री सोलंकी बोले, चाय बेची देश ने जाना अब देश की प्रोपर्टी बेच रहे हैं तो भी लोगों को जानना चाहिए

पूर्व केन्द्रीय मंत्री सोलंकी बोले, चाय बेची देश ने जाना अब देश की प्रोपर्टी बेच रहे हैं तो भी लोगों को जानना चाहिए

भोपाल। निजीकरण के खिलाफ कांग्रेस ने बुधवार को बड़ा हमला बोला। भोपाल पहुंचे पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं गुजरात प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भारत सिंह सोलंकी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री व्यापारी हो गए हैं। बड़े व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए एक-एक कर देश की सभी सरकारी सम्पत्तियों को औने-पौने दाम में बेच रहे हैं। चाय बेची तो देश ने जाना, इसलिए देश बेच रहे हैं तो यह बात भी लोगों को जानना चाहिए। उन्होंने गुजराती कहावत कहते हुए कहा जब राजा व्यापार करने लगे तो वहां की जनता को भीख मांगना पड़ती है। देश में इन दिनों कुछ ऐसा ही हो रहा है। देश में महंगाई दिनों दिन बढ़ रही है, लेकिन सरकार को इसकी चिंता नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से चर्चा करते हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश की सम्पत्ति की संगठित लूट हो रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेते हुए कहा कि देश से 60 महीने उन्होंने मांगे थे। अब समझ में आया कि ये 60 महीने देश बचाने के लिए नहीं बल्कि देश बेचने के लिए मांगे थे। कुछ इसी प्रकार की स्थिति मध्यप्रदेश में भी है। यहां की सरकारी सम्पत्ति को एक-एक कर बेचा जा रहा है। प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बिजली संकट को संभाल नहीं पा रही है। सरकारी कंपनी को घाटे में बताकर प्रायवेट को लाभ पहुंचा रही है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने मंदी के दौर में भी अर्थव्यवस्था को बचाए रखा। भाजपा ने आमजन को गुमराह कर सत्ता हासिल की। कांग्रेस सरकार में गांव-गांव तक विकास पहुंचाया गया, लेकिन भाजपा राज में व्यापारियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। आमजन की चिंता नहीं है। सरकार ने दो करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात की थी, लेकिन यह सिर्फ बातों तक ही सीमित है। रोजगार का संकट है, किसान परेशान हैं, लेकिन सरकार इससे बेफिक्र है।
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