scriptइन शिक्षकों को भेजा जा रहा है शहर से गांव, देखिए कहीं आप तो नहीं… | Teachers Transfer policy in MP New transfer policy in mp | Patrika News
भोपाल

इन शिक्षकों को भेजा जा रहा है शहर से गांव, देखिए कहीं आप तो नहीं…

अगर आप भी शहरी स्कूल में शिक्षक हैं, तो जरूर पढि़ए पूरी खबर कहीं आप पर भी तो नहीं हैं इस लिस्ट में शामिल…

भोपालOct 05, 2022 / 01:53 pm

shailendra tiwari

transfer01.jpg
भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय मध्यप्रदेश शासन ने एक पॉलिसी के तहत शहर के शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में ट्रांसफर का मन बना लिया है। अगर आप भी शहरी स्कूल में शिक्षक हैं, तो जरूर पढि़ए पूरी खबर कहीं आप पर भी तो नहीं हैं इस लिस्ट में शामिल…
10 साल से अधिक समय से हैं टीचर
दरअसल स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय मध्यप्रदेश शासन की ट्रांसफर पॉलिसी के तहत शहरी क्षेत्र के शासकीय विद्यालयों में 10 साल से अधिक समय से काम कर रहे शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र में ट्रांसफर किया जाना है। हालांकि शिक्षकों को इसके लिए स्वैच्छिक स्थानांतरण का विकल्प दिया गया है। यदि वह इसका उपयोग नहीं करते, तो डिपार्टमेंट अपनी जरूरत के हिसाब से ट्रांसफर करेगा।

शिक्षा का स्तर सुधारने 10 साल की सेवाएं
मंत्रालय में तय किया गया है कि ऐसे सरकारी शिक्षक जो 10 साल से शहरी क्षेत्रों में संचालित स्कूलों में पढ़ा रहे हैं, उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में भेजा जाएगा, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर बढ़ाया जा सके। ऐसे अनुभवी शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित स्कूलों में पदस्थ किया जाएगा जहां पर कोई भी नियमित शिक्षक नहीं है या फिर वरिष्ठ शिक्षक न होने के कारण स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या घटती जा रही है। इन शिक्षकों को अगले 10 साल तक ग्रामीण क्षेत्र में सेवाएं देनी होंगी।

यह भी पढ़ें

Karwa Chauth 2022: करवा चौथ पर ये हेयर स्टाइल बना देंगी खूबसूरत

 

यह भी पढ़ें

Karwa chauth 2022: आज से ही फॉलो करें ये घरेलू टिप्स, करवा चौथ के दिन निखरी नजर आएंगी आप

इन शिक्षकों को इस ट्रांसफर पॉलिसी में मिलेगी छूट
जिनके रिटायरमेंट में एक साल या इससे कम समय है, उनका प्रशासनिक आधार पर ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। स्वैच्छिक ट्रांसफर के बाद तीन शैक्षणिक सत्र तक उनके आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा। ऐसे शिक्षक जिनके रिटायरमेंट में 3 साल बचे हैं या गंभीर बीमारी से पीडि़त हैं या विकलांग हैं, उन्हें ट्रांसफर प्रक्रिया से अलग रखा जाएगा। वहीं स्वैच्छिक ट्रांसफर में स्थाई परिस्थिति के अलावा राष्ट्रीय पुरस्कार या राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को वरीयता मिलेगी। किसी भी कैडर यानी 200 की संख्या तक के कैडर में 20 फीसदी और इससे अधिक का कैडर है तो 15 फीसदी ट्रांसफर होंगे।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो