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अब सांसदों के ‘टिकट काटने’ की तैयारी, इन बड़े नेताओं से छीनी जा सकती है सीट!

locationभोपालPublished: Jul 18, 2018 02:19:21 pm

Submitted by:

Faiz

अब सांसदों के ‘टिकट काटने’ की तैयारी, इन बड़े नेताओं से छीनी जा सकती है सीट!

team modi is ready to take action

अब सांसदों के ‘टिकट काटने’ की तैयारी, इन बड़े नेताओं से छीनी जा सकती है सीट!

भोपालः भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों की तैयारी जोर शोर से शुरु कर चुकी है। योजनाओं का प्रचार और सरकार के कामों का प्रसार, इन उपलब्धियों के साथ भाजपा चुनावी मैदान में है। यह तो है प्रदेश की बात लेकिन, भाजपा का फोकस विधानसभा चुनावों के साथ साथ लोकसभा चुनावों पर भी उतनी ही मुस्तैदी के साथ है, जितनी विधानसभा चुनावों में है। जिस तरह भाजपा ने प्रदेश में इस बार विधायकों को परफार्मेंस के आधार पर टिकट देने का फैसला किया है, उसी तरह टीम मोदी ने भी सांसदों के लिए ऐसा ही अल्टीमेटम जारी कर रखा है, जिसमें यह निर्देश दिए गए कि, सांसद प्रत्याशियों का चयन भी उनकी परफार्मेंस के आधार पर ही होगा। इससे यह बात साफ है, कि टीम मोदी में उन लोगों को जगह मिलना ना मुमकिन है, जिनका कार्यकाल सरकार और जनता की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा।

14 सांसदों पर असमंजस

बता दें कि, साल 2018 के अंत तक मध्य प्रदेश समेत आधा दर्जन से ज्यादा राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसी के साथ टीम मोदी ने भाजपा शासित राज्यों को निर्देश दिए हैं कि, जनता से विधायकों के साथ साथ सांसदों का फीडबेक भी लें। फिलहाल, मध्य प्रदेश में इसे लेकर सर्वे लगभग पूरा हो चुका है। जिसमें कई विधायकों के अलावा सांसदों का रिपोर्ट कार्ड भी सामने आ चुका है, जो काफी निराशाजनक है। रिपोर्ट कार्ड के आधार पर एमपी के आधे से ज्यादा भाजपा सांसदों की परफार्मेंस सवालों के घेरे में आ गई हैै। साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में मौजूदा सांसदों को परफार्मेंस काफी महत्व रखेगी, इसी के आधार पर उन्हें टिकट दिया जाएगा। हालांकि, अगर ऐसा होता है तो इसके घेरे में फंसकर लगभग 14 सांसद लोकसभा चुनावों में पार्टी टिकट से हाथ धो बैठेंगे।

टिकट के लिए जमता की रज़ामंदी ज़रूरी

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा द्वारा किए गए पार्टी के नीजि सर्वे के आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट में मध्य प्रदेश के करीब 100 विधायकों का परफार्मेंस खराब बताई गई है, इसका खामियाज़ा इन्हें अगला टिकट खोकर चुकाना पड़ सकता है। जबकि एक दर्जन से ज्यादा सांसद पीएम मोदी और संसदीय क्षेत्र की जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं। सांसदों के लिए किए गए सर्वे को जिन बिंदुओं पर आधारित किया गया, उनमें सांसदों के ग्रामीण प्रवास, निधि खर्च, सांसद आदर्श गांव, केंद्र की योजनाओं का प्रचार प्रसार और क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता के स्तर का आंकलन करने के आधार पर किया था। बता दें कि, सांसद आदर्श गांव में 23 सांसद संतुष्टात्मक परफार्मेंस नहीं दे पाए, इन सांसदों में एमपी केंद्रीय मंत्री का नाम भी शामिल है।

इन सांसदों पर मंडरा रहा खतरा

प्रदेश में हुए सर्वे में जिन सांसदों की जमीनी परफार्मेंस खराब आई है उनमें मुरैना सासद अनूप मिश्रा, सागर सांसद लक्ष्मी नारायण यादव ,खजुराहो से सांसद नागेन्द्र सिंह , रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा, शहडोल सांसद ज्ञान सिंह, मंडला सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते, बालाघाट सांसद बोध सिंह भगत,विदिशा सांसद सुषमा स्वराज ,भोपाल सांसद आलोक संजर, राजगढ़ सांसद रोडमल नागर,देवास सांसद मनोहर ऊंटवाल, उज्जैन सांसद चिंतामणि मालवीय, खरगौन से सांसद सुभाष पटेल और बैतूल से ज्योति धुर्वे के नाम सामने आए है, जिनके नाम अब असमंजस के घेरे में आ गए हैं। इसमें यह बात भी सामने आई है कि, सांसद अनूप मिश्रा और सुषमा स्वराज को इस बार अलग सीट से टिकट दिया जा सकता है। जबकि मनोहर उंटवाल, रोडमल नागर लोकसभा नहीं विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं।

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