दो विधानसभा क्षेत्रा गोविंदपुरा और नरेला सहित मिनाल, अयोध्या बायपास के अलावा विदिशा, इंदौर की तरफ जाने वाले लोग जेके रोड से गुजरते हैं। मेंटनेंस के अभाव में यह रोड बदहाल हो चुका है। इस सडक़ से रोजाना 20 हजार वाहन गुजरते हैं। सडक़ निर्माण को लेकर कई बार मांग उठी।
विधायक बाबूलाल गौर से महापौर आलोक शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधियों से भी आश्वासन मिलता रहा, लेकिन रोड अब तक नहीं बनी। जेके रोड चौराहे से मिनाल तक करीब दो किमी लंबे इस मार्ग के दोनों ओर 300 से अधिक गड्ढे हंै। वाहन चालक इनमें गिरकर घायल हो रहे हैं। फिर भी निगम इसकी सुध नहीं ले रहे हैं, जबकि निगम के वरिष्ठ अधिकारी भी इस रोड से गुजरते हैं।
रोड में कमीशन तय नहीं होने से कर रहे देरी
बताया जाता है कि वार्ड 65 के पार्षद संजय वर्मा ने जनहित की परेशानियों को जेके रोड बनाने के लिए अपनी 88 लाख की पार्षद निधि से 60 लाख रुपए फरवरी के अंत में दिए। मार्च में इस राशि का टेंडर भी हो गया। इस बीच सीएम इंफ्रा से 33 लाख रुपए और जारी हुए। जिसका भी टेंडर हो चुका।
इसके चार ममाह बाद भी वर्क आर्डर नगर निगम के के अधिकारियों ने क्यों नहीं जारी किया? इस देरी की वजह का जवाब स्वयं अधिकारी नहीं बता पा रहे है। सूत्रों के मुताबिक रोड में कमीशन तय नहीं होने से निगम अधिकारी जानबूझकर देरी कर रहे हैं।
जनता भोग रही है लापरवाही का नतीजा
जनता की परेशानी को देखते हुए मैंने वार्ड के अन्य विकास कार्य रोककर जेके रोड के लिए 60 लाख रुपए दिए थे। सीएम इंफ्रा से भी 33 लाख रुपए आ चुके है। इस तरह 93 लाख का टेंडर होने के बाद भी वर्क आर्डर में देरी की गई। इससे निगम के अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा जनता भोग रही है। संजय वर्मा, पार्षद वार्ड 65
बारिश में डामरीकरण वर्क नहीं हो सकता
जेके रोड के पुननिर्माण की स्वीकृति मिल गई है। राशि भी आ चुकी है। लेकिन बारिश में डामरीकरण वर्क नहीं हो सकता है। इसलिए अब बारिश के बाद रोड बन पाएगी।
हरीश गुप्ता, पीआरओ, नगर निगम भोपाल