सरप्राइज केक के साथ इंतजार करते रह गए परिजन, आई ऐसी खबर कि सुनकर छह परिवार हुए बेसुध
अधूरी रह गई दास्तां: छह दोस्तों में से एक हाल ही में बना था पटवारी तो एक अगले महीने बनने वाला था पिता

भोपाल . कोलार डैम पर हुए दर्दनाक हादसे ने राजधानी के पांच घरों के चिराग बुझा दिए। एक मृतक रायसेन जिले का भी है। घर पर लाशें पहुंचते ही परिवार बदहवास हो गए तो मोहल्लों में मातम पसर गया। इन छह अजीज दोस्तों की मौत का जिसने भी सुना, आंसू नहीं रोक पाया।
इनमें से एक छह महीने पहले पटवारी बना था। एक के घर जल्द ही नन्हा मेहमान आने वाला है। इतना ही नहीं एक तो बेटी का जन्मदिन मनाकर दोस्त की बर्थडे पार्टी में गया था।
3 दिन पहले मनाया था बेटी का पहला बर्थडे : लहारपुर निवासी अभिजीत राठौर (28) एमआर था। पिता राधेश्याम खादी विकास बोर्ड में हैं। मां, और बड़ा भाई नीलेश है। दो साल पहले ही उसकी शादी शाजापुर निवासी उर्मिला से हुई। 2017 में बेटी माही हुई।
20 जुलाई को उसका पहला जन्मदिन मनाया। हादसे के दिन रविवार को दाल-बाटी बनी थी, जिसे अभिजीत ने मुंहबोली बहन को ये कहते हुए खिला दी कि दोस्तों संग जा रहा हूं। पत्नी सदमे में है, वह बार-बार रोते हुए बेहोश हो जा रही है।
अनहोनी की आशंका से बैठा जा रहा था दिल : आनंद नगर निवासी आकाश गुप्ता (24) बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर था। घर में आकाश के जन्मदिन की तैयारी चल रही थी। पिता संतोष कुमार ट्रैवल्स एजेंसी संचालक हैं। आकाश से बड़ा एक और भाई है।
सोमवार दोपहर तक घर वालों को उसकी मौत की जानकारी नहीं दी गई थी , लेकिन उन्हें अनहोनी की आशंका सता रही थी। परिजनों ने बताया कि आकाश को सरप्राइज देने के लिए केक मंगवाकर रखा था, लेकिन वो रखा ही रह गया।
अगस्त में आने वाला था नन्हा मेहमान : आनंद नगर चौकी के शिव नगर निवासी रंजीत पिता अशोक साहू (30) का कियोस्क सेंटर है।उसका एक भाई है। रंजीत की डेढ़ साल पहले शादी हुई थी। पत्नी आठ महीने की गर्भवती है। डॉक्टरों ने अगस्त में डिलेवरी की तारीख दे रखी है। इससे वह बड़ा खुश था, लेकिन इससे पहले ही मौत हो गई। परिवार के लोग यह कह कर रो पड़े कि वो अपने बच्चे का चेहरा अब नहीं देख पाएगा। बच्चा पैदा होने से पहले ही अनाथ हो गया।
घरवाले शादी के लिए देख रहे थे लड़की: शिव नगर निवासी गौरव (25 ) पिता जगदीश साहू चाय की दुकान चलाता था। उसके चार भाई हैं। राजू, दिनेश, गौरव और मिंटू। गौरव की एक बहन भी है। गौरव की शादी की तैयारी चल रही थी। परिवार के लोग लड़की देख रहे थे। घरवालों ने ने बताया कि लड़की पसंद आते ही शादी कर देते। पिता जगदीश ने बताया कि रविवार को दुकान से 12 बजे चला गया था। चार बजे गौरव की बात बड़े बेटे से हुई थी। इसके बाद से मोबाइल बंद हो गया।
6 माह पहले शुरू किया था ऑनलाइन काम: ट्रांसपोर्ट नगर निवासी पंकज पिता मदनलाल साहू (28) कियोस्क सेंटर चलाता था। पंकज के तीन भाई और तीन बहनें हैं।
वह भाई बहन में चौथे नंबर पर था। 6 महीने पहले कियोस्क का काम शुरू करने के बाद परिवार के लोग शादी की तैयारी कर रहे थे। परिजनों को जब उसकी मौत की सूचना मिली तो भरोसा ही नहीं हो रहा था। हादसे का पता चलते ही कॉलोनी के लोग इक_ा हो गए थे। परिवार के लोगों को रो-रो कर बुरा हाल है।
इकलौता बेटा खोने के बाद सदमे में है मां : रीवा निवासी रजनीश पिता श्रीधर पटेल (30) आनंदनगर में 25 साल से किराए से रह रहा है। पिता फैक्टरी में काम करते हैं। एक महीने पहले ही उसने कॉलोनी में किराए पर नया घर लिया था।
6 महीने पहले पटवारी बना था। पंकज इकलौता बेटा था, उसकी एक बहन नेहा है। दो दिन पहले ही पंकज अपने दादा को इलाज के लिए रीवा से भोपाल लाया था। बेटे की मौत की सूचना मिलने के बाद से मां सदमे में है। होश आते ही दहाड़े मारकर रोती है।
संकेतक न रेलिंग, 30 फीट नीचे कार : जिस जगह हादसा हुआ, वह रास्ता पीएचइ फिल्टर प्लांट के पास का है। यहां आम लोगों का आना प्रतिबंधित है। इससे केवल पीएचइ वाहन ही गुजरते हैं। कोलार डैम की पाल से नीचे उतरने वाली सड़क पर अंधा मोड़ है। इसके पहले न संकेतक बोर्ड है और न ही सड़क के किनारे रेलिंग।
बांध की ओर से आने वाले वाहन चालकों को खतरनाक मोड़ का अहसास तक नहीं होता। इसी के चलते युवकों की कार सीधे नाले में गिर गई। पुलिस यह भी पता कर रही है कि युवक वहां तक कैसेे पहुंचे।
दो चचेरे भाइयों की एक साथ हुई मौत : हादसे में दो मृतक रंजीत और गौरव चचेरे भाई हैं। जीजा सुरेंद्र ने बताया कि दोनों में काफी पटती थी। जब एक ही घर में शाम में दोनों की बॉडी पहुंची तो परिवार में कोहराम मच गया।
...इसलिए कोई बाहर नहीं निकल पाया : कार को जब पानी से निकाला गया तो अंदर खाना बनाने के बर्तन, नमकीन के पैकेट और अन्य सामान मिले। कार में सभी शव गुत्थम-गुत्था थे। कोई बाहर नहीं निकल पाया था।
दो साल पहले भी हुआ था ऐसा हादसा : 30 दिसम्बर 2016 की रात भी ऐसा ही हादसा हुआ था। पीरगेट निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज जैन पत्नी और दो बेटियों के साथ कार से ससुराल गुना जा रहे थे। बेलगढ़ा के हरसी डेम के सत्तरपुल के पास उनकी कार नहर में गिर गई। दुर्घटना में दोनों बेटियां तो किसी तरह बच गईं, लेकिन मनोज, उनकी पत्नी मोनिका और ड्राइवर बलराम ओसवाल तेज बहाव में बह गए। मनोज एवं ड्राइवर के शव घटनास्थल से चार किलोमीटर दूर नहर में मिले।
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