ग्वालियर निवासी मदन मोहन दौहरे के अनुसार 25 मार्च को वह भोपाल के रायसेन रोड स्थित स्कूल में एमपीटीईटी की परीक्षा देने गया था। जब वह लौट रहा था, तो उसे धौलपुर का लक्ष्मण नाम का एजेंट मिला। उसने मोबाइल में पूरा पेपर दिखा दिया। पेपर पूरा वही था, जो वह देकर आया था। जबकि पीईबी के दावे के अनुसार सेंटर से पेपर बाहर लाया ही नहीं जा सकता। उसने सवाल उठाया कि एजेंट के मोबाइल में कैसे पेपर आ गया। एजेंट ने यह भी बताया कि ग्वालियर, भोपाल में कई कॉलेजों में सब कुछ पहले से सेट होता है। पेपर पहले ही पहुंच जाता है। इसके लिए 4 से 5 लाख रुपए खर्च करने पड़ते हैं। परीक्षार्थी ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को टैग कर ट्वीट भी किया है। इसमें उसने फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए मांग की है कि हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से न्यायिक जांच कराई जानी चाहिए। गौरतलब है कि इसके पहले भी पीईबी द्वारा आयोजित कई परीक्षाओं में फर्जीवाड़े सामने आ चुके हैं।
शिक्षक पात्रता परीक्षा का पेपर मोबाइल में मिलने संबंधी शिकायत मिली है। इसकी जांच की जा रही है। जांच के बाद ही हकीकत सामने आ पाएगी।
- आईसीपी केशरी, अध्यक्ष प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड मप्र
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