ऐसे में यहां होने वाले कई काम रुक रहे हैं। यहां लाइन बिछाने के लिए खुदाई की गई थी, लेकिन पिछले दस सालों में इस सडक़ में सुधार ही नहीं किया गया। ऐसे में सडक़ उबड़-खाबड़ पड़ी हुई है। हर रोज करीब पांच हजार लोगों की यहां से आवाजाही होती है।
सडक़ सुधार के लिए जनप्रतिनिधि एक दूसरे पर विकास की जिम्मेदारी टाल रहे हैं। मंडी वार्ड-18-19-और 20 में बंटी हुई है। शहर में चलने वाले स्वच्छता अभियान का भी इस मंडी पर सौतेले व्यवहार के चलते विकास नहीं हुआ है। कचरे के कंटेनर तक यहां पर्याप्त मात्रा में नहीं रखे गए हैं। जिसके कारण कचरा भी पूरी तरह से नहीं उठता है।
सभी रास्तों पर मुसीबत
नव बहार सब्जी मंडी में वार्ड की कुम्हारपुरा, छावनी और घोड़ा नक्कास से वार्ड-20 का प्रवेश मार्ग आते हैं। वार्ड-19 संगम टॉकीज, भारत टॉकीज पुल, छावनी का हिस्सा मंडी तक जुड़ा है। सबसे बड़ा हिस्से में इसमें वार्ड-18 का है, जो हमीदिया रोड से मंडी में आने वाले सारे मार्गों से जुड़ा है। व्यापारियों का कहना है कि मंडी में दस सालों से किसी ने सुधार पर ध्यान नहीं दिया। एक भी मार्ग दुरुस्त नहीं हैं।
दो साल से बस स्टैंड शिफ्टिंग में रुका विकास
पिछले दो सालों से रही कसर बस स्टैंड बनाने की चर्चा ने पूरी कर दी। नादरा बस स्टैंड को मंडी में शिफ्ट करने की योजना बनाई जा रही है, जिससे यहां कई काम नहीं किए गए। इन सबके बीच यहां आने वाले लोग व दुकानदार परेशान हो रहे हैं।
सब्जी मंडी की सडक़ें लंबे समय से खराब पड़ी हैं। सुधार की दिशा में कोई काम नहीं किया गया। अव्यवस्थाओं के कारण व्यापारी और यहां आने वाले कई लोग परेशान हैं। मामले में कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन सुधार की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया।
इरशाद राइन, सब्जी मंडी फुटकर विक्रेता कल्याण संद्य नवबहार सब्जी