HIV और एड्स के हाई रिस्क ग्रुप में HIV और एड्स की रोकथाम के लिए काम कर रही मध्यप्रदेश एड्स कंट्रोल सोसाइटी - मध्यप्रदेश एड्स कंट्रोल सोसाइटी HIV और एड्स के हाई रिस्क ग्रुप में HIV और एड्स की रोकथाम के लिए काम कर रही है. इस ग्रुप में करीब के 55 हजार लोग शामिल हैं. सोसाइटी हाई रिस्क कैटेगरी वाले लोगों को जागरूक भी करती है. HIV स्क्रीनिंग कराने का काम भी करती है और जिनमें HIV की पुष्टि होती है, उनका इलाज कराती है.

सोसायटी की रिपोर्ट के अनुसार जो पुरुष एक-दूसरे से संबंध बनाते हैं, उन्हें MSM (Men who have Sex with Men) कहा जाता है. गे के मामलों में इंदौर पहले नंबर पर है. GAY के मामलों में मध्यप्रदेश में ग्वालियर दूसरे, जबलपुर तीसरे और राजधानी भोपाल चौथे नंबर पर है. रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें अधिकांश आपसी सहमति से संबंध बनाते हैं. कई तो ऐसे हैं, जिनके बच्चे और भरा-पूरा परिवार भी है.
फीमेल सेक्स वर्कर्स (FSW) के मामले में भी इंदौर पहले नंबर पर है. प्रदेश में करीब 35 हजार फीमेल सेक्स वर्कर्स की जानकारी एड्स कंट्रोल सोसाइटी के पास दर्ज है. सोसाइटी की रिपोर्ट के अनुसार इनमें सबसे ज्यादा फीमेल सेक्स वर्कर्स इंदौर में हैं. यहां फीमेल सेक्स वर्कर्स की संख्या 2513 है. गौरतलब है कि सोसायटी द्वारा प्रदेश में हाई रिस्क ग्रुप HIV पॉजिटिव पेशेंट्स के सेक्स पार्टनर और बच्चों की भी HIV स्क्रीनिंग कराई जाती है, ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके.