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सहकारी बैंकों के अफसरों की कारस्तानी ने सरकार को दिया तगड़ा झटका

locationभोपालPublished: Nov 06, 2019 09:56:17 pm

Submitted by:

anil chaudhary

– बैंकों को नुकसान पहुंचा रहे अधिकारी-कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने के निर्देश

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भोपाल. सहकारी बैंकों के अफसरों की कारस्तानी ने सरकार को करोड़ों रुपए का झटका दिया है। अफसरों ने मिलीभगत से पूरे कारनामे को अंजाम दिया। उन्होंने ऋण तो बांटे, लेकिन वसूली में रुचि नहीं दिखाई। इतना ही नहीं कर्जदारों के कर्ज की अदला-बदली करके भी सरकार को चपत लगाते रहे। इसमें कर्जदार को नया कर्ज देकर उसी से पुराना कर्ज पाटते रहे। इन तमाम कारगुजारियों का खुलासा हुआ तो सभी सन्न रह गए। अब इस मामले में कई अफसर नप सकते हैं। कई पर कठोर कार्रवाई हो सकती है। वहीं, जिनके वेतन में बढ़ोतरी की गई उनसे वसूली हो सकती है।
घाटे में चल रही जिला सहकारी बैंकों के अफसरों ने मनमाने ढंग से बैंक प्रशासकों के वेतन में दो-तीन गुना तक बढ़ोतरी कर दी। सहकारिता विभाग की समीक्षा के दौरान मंगलवार को इसका खुलासा हुआ। नाराज सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने वेतन बढ़ाने की मंजूरी देने वाले सहायक पंजीयक और उप पंजीयकों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश सहकारिता आयुक्त एमके अग्रवाल दे दिए। साथ ही बैंक प्रशासकों से बढ़े हुए वेतन की वसूली करने को कहा।
बैठक में अफसरों ने बताया कि लाभ में चलने वाले बैंकों में वेतनवृद्धि हो सकती है। इसके लिए सहकारिता आयुक्त की मंजूरी जरूरी है, लेकिन इस मामले में इस नियम की अनदेखी की गई।

– निजी बैंक में जमा किए 10 करोड़
समीक्षा में पता चला कि भोपाल कीसेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के प्रबंधक संचालक आरपी हजारी ने कमीशन के फेर में निजी यश बैंक में 10 करोड़ रुपए की एफडी करा दी। मंत्री ने हजारी के खिलाफ जांच करने के निर्देश दिए हैं। समीक्षा में यह भी सामने आया कि यहां संस्थागत जमा तो अधिक है, लेकिन व्यक्तिगत जमा न के बराबर है। मंत्री ने व्यक्तिगत जमा बढ़ाने और डूबत खाते की राशि वसूल करने को कहा।

– कर्ज अदला-बदली में करोड़ों का फटका
ज्यादातर बैंक कर्ज वसूली में पिछड़े, इसलिए डूबत खाते की रकम बढ़ती गई। बैंकों ने कर्ज की अदला-बदली कर बैंकों को करोड़ों की चपत भी लगाई है। नियमानुसार पुराना कर्ज चुकाने के बाद नया कर्ज दिया जाना, लेकिन बैंक के अफसरों ने मिलीभगत से नया कर्ज देकर इससे पुराना कर्ज चुकता कर दिया।

– राजगढ़ : मंत्री ने दिए एफआइआर के निर्देश
कर्ज का असंतुलन और वित्तीय अनियमितता के कारण राजगढ़ जिला सहकारी बैंक की हालत खराब है। वहां 183 करोड़ रुपए डूबत खाते में हैं। इस पर मंत्री ने अनियमितताओं के प्रकरणों वसूली और एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आगामी जून तक कम से कम 75 करोड़ ऋण राशि की वसूली कर ली जाए।

– होशंगाबाद : वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश
होशंगाबाद जिले में 292 करोड़ रुपए डूबत खाते में है, जिसमें अधिकतर गैर कृषि ऋण है। कई कर्मचारियों के खिलाफ मामले भी चल रहे हैं। कई प्रकरणों में संबंधित सहायक और उप पंजीयक द्वारा स्टे भी दे दिया गया है। इसे गंभीरता से लेते हुए मंत्री ऐसे सहायक और उप पंजीयकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उनकी वेतन वृद्धियां रोकने के निर्देश दिए।

– सीहोर : बोर्ड भंग करने की चेतावनी
सीहोर जिला सहकारी बैंक के 2016-17 में 38 करोड़ रुपए डूबत खाते में थे। वर्ष 2018-19 में यह राशि बढ़कर 280 करोड़ रुपए हो गई। इस पर मंत्री ने कहा कि यदि स्थिति नहीं सुधारी गई तो बोर्ड भंग किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि ऋण वसूली की मासिक योजना बनाकर सघन कार्रवाई की जाए। जो लोग कार्य करना नहीं चाहते वे बैंकों से बाहर जाने की तैयारी कर लें।

– यहां भी बढ़ी डूबत खाते की रकम
बैतूल जिले में डूबत खाते की राशि 143 करोड़ रुपए है। 30 जून तक 100 करोड़ रुपए की वसूली की बात कही गई। रायसेन जिले में डूबत खाते की 148 करोड़ रुपए हैं। अफसरों ने भरोसा दिया कि जून तक 45 करोड़ की वसूली कर लेंगे। विदिशा में 45 करोड़ डूबत खाते में हैं। बैठक में अपैक्स बैंक के प्रशासक अशोक सिंह, सहकारिता पीएस अजीत केसरी, अपैक्स बैंक के एमडी प्रदीप नीखरा सहित सहकारिता विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

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