काली कमाई बटोरने वालों ने सर्जिकल स्ट्राइक के बाद ऐसे लोगों को तलाशना शुरू कर दिया है, जिनके बैंक खातों में ज्यादा रकम नहीं रहती है।
भोपाल। काली कमाई बटोरने वालों ने सर्जिकल स्ट्राइक के बाद ऐसे लोगों को तलाशना शुरू कर दिया है, जिनके बैंक खातों में ज्यादा रकम नहीं रहती है। खाते में दो-तीन लाख जमा करने के एवज में कुछ कमीशन का लालच देने में लोग जुटे हैं। ऐसे लोगों से सावधान रहने की सलाह देते हुए सरकार और बैंकों ने चेताया है कि किसी भी खाते में अनियमित लेनदेन दिखा तो खाताधारक को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। एक जनवरी के बाद आयकर विभाग सभी बैंक कातों को जांचेगा।
जुगाड़ में जुटे कालेचोर
ए क व्यापारी तो अपने दोस्तों के बीच यह कहते हुए पाया गया कि मेरे पास 10 कर्मचारी काम करते हैं, यदि सभी के खातों में डेढ़- दो लाख रुपए जमा करा दूंगा तो क्या जाएगा? तीन-चार महीने रुपए ब्लॉक रहेंगे, फिर धीरे-धीरे करके वसूल लूंगा। दोस्तों ने भी उसके दिमाग की दाद दी और प्लान को कारगर बताया। उसने यह भी कहा कि जिन लोगों के खाते में पैसे डालेंगे उन्हें भी कुछ हजार रुपए दे देंगे। इससे अपना भी फायदा और उस खातेदार का भी।
ऐसे शिकार फंसाने की तैयारी
लोग अफवाह फैला रहे हैं कि एक खाते में दो लाख तक जमा करने पर खाता जांच के दायरे में नहीं आएगा। एेसे में छोटे कर्मचारियों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को फांसकर ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में बदलने की तैयारी है। इसलिए सावधान रहिए।
कैमरे की नजर में होगा एक्सजेंच
बैंकों में होने वाले रुपए का एक्सचेंज कैमरों की नजर में रहेगा। इसकी सीमा भी मात्र चार हजार रुपए की है। इसके अतिरिक्त किसी भी एकाउंट में 50 हजार रुपए से Óयादा जमा करने के लिए पैन कार्ड जरूरी होगा।
आयकर की नजर
बैंक खातों में जमा होने वाले पैसों पर बैंक, आयकर विभाग और सरकार के आला अधिकारियों ने एेसी चाल चलने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रखी है। बैंक अफसरों का कहना है कि एक जनवरी से बड़े ट्रांजेक्शन वाले खातों के साथ ही एेसे खातों की छंटाई भी शुरू हो जाएगी जिनमें अचानक बड़ी राशि आई होगी।
0 बैंक में गुरुवार से 500 एवं 1000 रुपए के नोट बदलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। रिजर्व बैंक की ओर से कई दिशा-निर्देश आए हैं। यदि इस दौरान किसी खाते में अचानक सामान्य से कई गुना ज्यादा (50 हजार से ज्यादा) पैसा आ जाता है और आयकर विभाग द्वारा जानकारी मांगी जाती है तो उसे शेयर किया जाएगा। इसके बाद संबंधित खाताधारक को आयकर विभाग की प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है।
श्रीधर बाओकर, मैनेजर, विजया बैंक