बेटी के प्रदर्शन से खुशी मिली है: कैलाश कीर
इस उपलब्धि पर गोरे गांव स्थित बिशनखेड़ी निवासी पिता कैलाश कीर ने बताया कि बेटी के प्रदर्शन से खुशी मिली हैं। उसने फोन पर बताया था कि पापा मेरा रजत पदक लगा है। मैं चाहता हूं कि बेटी ओलंपिक में देश के लिए पदक जीतकर आए। उन्होंने बताया कि जब मनीषा छोटी थी तो मेरे साथ बड़े तालाब में मछली पकडऩे में जाती थी, इस दौरान जब भी हवा तेज चलती थी तो वो जाल पकड़ती थी और मैं नाव चलाता था। फिर एक दिन उसका सलेक्शन शूटिंग अकादमी में हो गया। बता दें कि मनीषा की छोटी बहन सोना कीर भी रोइंग की इंटरनेशनल खिलाड़ी हैं।
पिता १० घंटे बड़े तालाब में पकड़ते हैं मछली
उन्होंने बताया कि मैं अपनी बेटी के सपनों का पूरा करने के लिए सुबह और शाम 10 घंटों तक फिशिंग करता हूं। सुबह छह से 11 बजे और फिर दोपहर तीन से छह बजे तक बड़े तालाब में रहता हूं। मछली पकडऩे के बाद इन्हें बेचकर दिन का दो से तीन सौ रुपए तक की आमदानी हो जाती है।