प्रदेश के शिक्षकों को क्रमोन्नति देनी है या समयमान वेतनमान, यह राज्य सरकार को ढाई साल नोटशीट चलाने के बाद समझ में आया। लोक शिक्षण संचालनालय से अब समयमान वेतनमान का प्रस्ताव तैयार कर भेजने को कहा गया है। ढाई साल में चौथी बार यह प्रस्ताव संशोधित हो रहा है। हैरत की बात तो यह है कि इस अवधि में नोटशीट सामान्य प्रशासन एवं वित्त विभाग में कई बार गई।
वर्ष 2018 में शिक्षक संवर्ग में शामिल हुए अध्यापक जोकि अब शिक्षक कहे जाते हैं, तीन साल से क्रमोन्न्ति देने की मांग कर रहे हैं। 2006 में नियुक्त हुए इन शिक्षकों की सन 2018 में 12 साल की सेवा पूरी हो चुकी है और वे क्रमोन्नति के लिए पात्र हो गए हैं। जब सरकार पर दबाव बना, तो संबंधित शिक्षकों को क्रमोन्नति देने की नोटशीट विभागों में चल पड़ी। ढाई साल से यह नोटशीट लगातार चल रही है। इस बीच लोक शिक्षण संचालनालय से सामान्य प्रशासन, वित्त और विधि विभाग तक का सफर कई बार तय कर चुकी है।
करीब 80 हजार शिक्षकों को इसका लाभ मिलना है. इसी मुद्दे को लेकर दिसंबर 2021, मई 2022 में इन शिक्षकों ने मनोकामना और ध्वज यात्रा भी निकाली। सूत्र बताते हैं कि हाल ही में नोटशीट देखने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने कहा कि 2006 से सभी कर्मचारियों को समयमान वेतनमान दिया जा रहा है तब इन शिक्षकों को क्रमोन्नति देने का प्रस्ताव क्यों बनाया गया है। इसपर आनन-फानन में प्रस्ताव वापस हो गया और लोक शिक्षण संचालनालय को संशोधन कर नया प्रस्ताव भेजने के कहा गया है।