राष्ट्रपति से भी शिकायत, 870 लोगों का रुपया डूबा
समन्वय गृह निर्माण सोसायटी में हुए घोटाले के संबंध में एसएस मेहता ने राष्ट्रपति तक शिकायत की। तत्कालीन कलेक्टर ने मेहता से जुड़े छह प्लॉट की रजिस्ट्री शून्य करने के आदेश जारी किए, लेकिन कुछ नहीं हुआ। मेहता के छह रिश्तेदारों ने 1986 में प्लॉट बुक किए थे। समिति में 870 पीडि़त हैं।
समन्वय गृह निर्माण सोसायटी में हुए घोटाले के संबंध में एसएस मेहता ने राष्ट्रपति तक शिकायत की। तत्कालीन कलेक्टर ने मेहता से जुड़े छह प्लॉट की रजिस्ट्री शून्य करने के आदेश जारी किए, लेकिन कुछ नहीं हुआ। मेहता के छह रिश्तेदारों ने 1986 में प्लॉट बुक किए थे। समिति में 870 पीडि़त हैं।
रविवार को भी पहुंचे शिकायत करने
गृह निर्माण सोसायटी के संबंध में कुछ लोग रविवार को भी शिकायतें करने कलेक्टोरेट पहुंच गए। जब उन्हें वहां कोई अधिकारी नहीं मिला तो शिकायतकर्ताओं ने इधर उधर फोन लगाए। बाद में पता चला कि कुछ गफलत की वजह से ऐसा हुआ है। जबकि प्रशासन ने सिर्फ शनिवार को ही स्पेशल जनसुनवाई की थी। अधिकारियों का कहना है कि लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। उनकी शिकायतों को सुनकर जांच के लिए दिया जाएगा।
गृह निर्माण सोसायटी के संबंध में कुछ लोग रविवार को भी शिकायतें करने कलेक्टोरेट पहुंच गए। जब उन्हें वहां कोई अधिकारी नहीं मिला तो शिकायतकर्ताओं ने इधर उधर फोन लगाए। बाद में पता चला कि कुछ गफलत की वजह से ऐसा हुआ है। जबकि प्रशासन ने सिर्फ शनिवार को ही स्पेशल जनसुनवाई की थी। अधिकारियों का कहना है कि लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। उनकी शिकायतों को सुनकर जांच के लिए दिया जाएगा।
एफाआईआर में धारा बढ़ाने की तैयारी
शिकायतों में पड़ताल के बाद एक बात सामने आई है कि सोसायटी को 8 से 12 एकड़ जमीन आवंटित की गई तो सदस्य संख्या एक हजार से ऊपर कैसे गई। इससे साफ होता है कि सोसायटियों ने उस समय अपनी जेबें भरने के लिए ये फंडा निकाला और सदस्य पर सदस्य बनाते गए। जो सदस्य ताकतवर थे उन्हें प्लॉट मिल गए और जो थोड़े से कमजोर हुए उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। सहकारिता विभाग इस मामले में भी एक अन्य धारा एफआईआर में बढ़ाने की तैयारी कर रहा है।
शिकायतों में पड़ताल के बाद एक बात सामने आई है कि सोसायटी को 8 से 12 एकड़ जमीन आवंटित की गई तो सदस्य संख्या एक हजार से ऊपर कैसे गई। इससे साफ होता है कि सोसायटियों ने उस समय अपनी जेबें भरने के लिए ये फंडा निकाला और सदस्य पर सदस्य बनाते गए। जो सदस्य ताकतवर थे उन्हें प्लॉट मिल गए और जो थोड़े से कमजोर हुए उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। सहकारिता विभाग इस मामले में भी एक अन्य धारा एफआईआर में बढ़ाने की तैयारी कर रहा है।
जो भी शिकायतें आईं हैं, उनका निराकरण कराने के बाद लोगों को राहत दिलाई जाएगी। इसके लिए पूरी तैयारी की जा रही है।
तरुण पिथोड़े, कलेक्टर
तरुण पिथोड़े, कलेक्टर