यहां पौधरोपण कराने वाले रेंजर अनिल शर्मा ने बताया कि रोपे गए पौधों में 90 प्रतिशत अब पेड़ बन चुके हैं। शर्मा ने बताया कि प्लॉटेशन के पहले भूमि का चयन किया कि किस मिट्टी में कौन से पौधे लगाए जाने से वह विकसित हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि इन पौधों की सिंचाई, गुड़ाई सहित रख-रखाव की जिम्मेदारी उनके साथ दो सहयोगी डिप्टी रेंजर सुभाष शर्मा व नाकेदार सतानंद कुशवाहा बखूबी निभा रहे हैं।
शर्मा ने बताया कि हम लोगों ने राजधानी के मध्य एक सम्यक वन तैयार किया है, जिसे आने वाले दिनों में स्थानीय रहवासियों की मांग पर नगर वन बनाया जा सकता है। पिछले चार वर्षों में इस वन के रख-रखाव सहित सिंचाई, गुड़ाई आदि पर करीब सवा करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं।
शर्मा ने बताया कि मैं इस वन की पूरी जिम्मेदारी से देखभाल करता हूं। इससे पहले पांच साल तक मैं शहर के एकांत पार्क में पदस्थ रहा। वहां सुबह-शाम घूमने-फिरने आने वाले लोगों के लिए लॉन का निर्माण करवाया, तालाब बनवाया और उसमें मछलियां डलवाने के साथ ही 45 बतखों के अलावा इमो और रंगीन चिडिय़ों के लिए घोसले बनवाकर उन्हें पाला। अभी स्वर्ण जयंती पार्क और जम्बूरी मैदान प्लॉटेशन का काम देख रहा हूं। रोपे गए पौधों में 90 प्रतिशत अब पेड़ बन चुके हैं। शर्मा ने बताया कि हम लोगों ने राजधानी के मध्य एक सम्यक वन तैयार किया हैं।
वर्ष 2014
में 2.52 हेक्टेयर व 2.52 हेक्टेयर क्षेत्र के दो भागों में पांच हजार पौधे लगाए
वर्ष 2015
में 3.5, 3.5 हेक्टेयर के दो हिस्सों पर 5000 पौधे और 3.5 हेक्टेयर में 2000 रोपे
वर्ष 2015
12000