बाजार में ग्राहकों की भीड़ देखने को मिल रही है। सोने-चांदी के आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक सामान, बर्तन और सजावटी सामानों की दुकानों पर जबर्दस्त भीड़ देखने को मिल रही है। संत नगर के व्यापारियों ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए ऑफरों के साथ-साथ दुकानों को भी सजा रखा है। त्योहारों पर कपड़े, बर्तन सहित सोने चांदी की जमकर खरीदी होती है। व्यापारियों को इस माह धनतेरस पर धनवर्षा की उम्मीद है।
दुकानदारों की मानें तो इस बार अच्छा व्यापार होगा और आर्थिक मंदी के दौर से व्यापार उभरेगा। दशहरा के बाद से बाजार में ओर रौनक बढ़ेगी।
सराफा बाजार में धीरे-धीरे बढ़ रही रौनक
त्योहारों को लेकर सराफा बाजार में भी ग्राहक पहुंचना शुरू हो गए हैं। दिवाली के बाद शादियों का सीजन शुरू हो जाएगा, ऐसे में जिनके परिवार में शहनाइयां गूंजने वाली हंै वे लोग गहनों की खरीदारी कर रहे है। महंगाई के कारण ग्राहक सबसे ज्यादा हल्के गहने खरीद रहे हैं।
बर्तन बाजार में चमक रहा पीतल
बर्तन का सबसे ज्यादा कारोबार धनतेरस पर होगा। शादी विवाह के लिए एक माह बाद से खरीदी शुरू हो जाएगी। दहेज सहित अन्य बर्तन लोग खरीद रहे हैं। इसकी झलक अभी से बर्तन बाजार में दिखाई देने लगी है। छोटे-बड़े के साथ घरेलू उपयोग के भी बर्तन देख रहे हैं।
कपड़ा बाजार में छाई रौनक
व्यापारियों की मानें तो कपड़ा बाजार को तीन साल से बहुत घाटा उठाना पड़ रहा है। पहले नोटबंदी फिर कपड़े पर लगे जीएसटी से परेशान थे। पिछले वर्ष बिक्री कम हुई थी। इस साल कपड़ा बाजार में भी रौनक दिखाई देने लगी है।
उठने लगा बाजार
संत नगर का बाजार कपड़ों का मुख्य बाजार माना जाता है। यहां से दूर-दराज से खरीदी के लिए ग्राहक आते हैं, जो अभी से पहुंचने लगे हैं, क्योंकि इस माह मुख्य बड़े त्योहार हैं। जहां पर छोटे व्यापारी भी संत नगर से कपड़े खरीद कर व्यवसाय करते हंै।
कन्हैयालाल ईसरानी, अध्यक्ष कपड़ा एसोसिएशन
आभूषणों की बिक्री तो सबसे ज्यादा दीवाली से पहले होती है। अगस्त माह से बाजार में तैयारी शुरू कर दी जाती है, क्योंकि देव उठने के बाद शादी-विवाह का सीजन होता है। लोग अगस्त के बाद से गहने खरीदना शुरू कर देते हैं।
कन्हैयालाल मंघानी, पूर्व अध्यक्ष सर्राफा व्यापार संघ
बर्तन बाजार में सामान की आवक श्ुारू हो गई है। अभी से स्टॉक करना शुरू कर दिया जाता है। शादी-विवाह के लिए लोग खरीदी करते हैं। इसके बाद दिवाली पर बाजार ज्यादा गर्म हो जाता है।
रामचन्द्र मूलचंदानी, बर्तन व्यापारी