जाति के विवाद में उलझे मंत्री, पढ़ें किसने दिल पर ले ली बात
भोपालPublished: Jul 22, 2017 07:15:00 am
इस पर विधायक ने कहा-जब जाति प्रमाण-पत्र फर्जी पाया गया तो शिक्षक को निलंबित किया जाए, उसको हटाने से क्या होगा। इस पर मंत्री ने कहा-जांच विस्तृत तौर पर हो रही है, विभाग के अन्य लोगों की भी मिलीभगत हो सकती है।
भोपाल. फर्जी जाति प्रमाण-पत्र पर शुक्रवार को सदन में स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह और कांग्रेस विधायक लाखन सिंह यादव में तीखी बहस हो गई। राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने हस्तक्षेप किया तो उनसे भी नोक-झोंक हुई। मामला स्पीकर डॉ. सीतासरन शर्मा के हस्तक्षेप पर शांत हुआ। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक ने ग्वालियर जिले के प्राइमरी स्कूल हुकुमगढ़ जनपद पंचायत घाटीगांव में पदस्थ प्रधान अध्यापक विजय ङ्क्षसह बंजारा के जाति प्रमाण-पत्र का मामला उठाया। उनका कहना था शिक्षक का जाति प्रमाण-पत्र फर्जी है। इसी के आधार पर प्रमोशन भी दिया गया। शिकायत के बावजूद उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। शाह ने स्वीकार किया कि प्रारंभिक जांच में जाति प्रमाण-पत्र फर्जी पाया गया है, मामले की जांच चल रही है।
इस पर विधायक ने कहा-जब जाति प्रमाण-पत्र फर्जी पाया गया तो शिक्षक को निलंबित किया जाए, उसको हटाने से क्या होगा। इस पर मंत्री ने कहा-जांच विस्तृत तौर पर हो रही है, विभाग के अन्य लोगों की भी मिलीभगत हो सकती है। अफसरों पर भी कार्रवाई होगी, लेकिन विधायक शिक्षक को निलंबित किए जाने की बात पर अड़े रहे। शाह ने उनकी बात नहीं मानी तो उन्होंने शाह के ही जाति प्रमाण-पत्र पर सवाल उठा दिए। इस पर शाह भड़क गए और तैश में आकर बोले, अब कोई कार्रवाई नहीं होगी। विधायक ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा, आपने कार्रवाई के लिए सदन में घोषणा की है, अपनी बात से कैसे मुकर सकते हैं। मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने हस्तक्षेप किया तो विधायक से उनकी भी तीखी बहस हो गई। साथ ही अन्य सदस्य भी बोलने लगे। स्पीकर ने विवाद की अधिकांश बातें विलोपित करा दीं।
– स्पीकर की नसीहत, व्यक्तिगत टिप्पणी न करें
स्पीकर ने मंत्रियों, विधायकों को नसीहत देते हुए कहा कि सदन में व्यक्तिगत टिप्पणी न करें। यदि किसी सदस्य के प्रश्नों का समाधान नहीं होता है तो इसका यह मतलब नहीं कि वे व्यक्तिगत आरोप लगाने लगें। व्यक्तिगत आरोप अनुचित हैं।
– पुलिस को प्लास्टिक की गोलियां दी जाएं, ताकि क्षति कम हो
पुलिस बल को प्लास्टिक की गोलियां दी जानी चाहिए ताकि लोगों को क्षति कम पहुंचे। औद्योगिक क्षेत्रों में अलग से पुलिस बल तैनात हो, ऐसे क्षेत्रों में जिला पुलिस बल में भी वृद्धि हो। शुक्रवार को विधानसभा में पेश हुई विंध्य के बैढन गोली चालन काण्ड जांच आयोग की रिपोर्ट में यह अनुशंसाएं की गईं हैं। बैढऩ में 13 दिसम्बर 2013 को श्रमिकों के प्रदर्शन के दौरान हुए गोलीचालन में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और दो घायल हो गए थे।