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अफसरों के पास कितने भूखंड इसकी जानकारी नहीं दी, लेकिन भूखंड होने से इनकार भी नहीं किया

locationभोपालPublished: Aug 27, 2021 09:40:12 pm

– भूखंड मामले में उपायुक्त को नोटिस
– मार्च 2020 को हुई विधानसभा में वर्गी विधायक संजय यादव के प्रश्न पर विभाग के अधिकारियों ने दिया था गोलमोल जवाब जांच रिपोर्ट भी दबा दी गई
– उसी समय हो जाता गौरव गृह निर्माण में हुए फर्जीवाड़े का खुलासा, इस समिति के बैंक खाते से भी हुआ लाखों का लेन-देन, खाते की डिटेल में खुलासा

अफसरों के पास कितने भूखंड इसकी जानकारी नहीं दी, लेकिन भूखंड होने से इनकार भी नहीं किया

मार्च 2020 को हुई विधानसभा में वर्गी विधायक संजय यादव के प्रश्न पर विभाग के अधिकारियों ने दिया था गोलमोल जवाब जांच रिपोर्ट भी दबा दी गई

भोपाल. सहकारिता विभाग के अफसरों के पास गौरव गृह निर्माण सोसायटी या अन्य में कितने भूखंड हैं, उनके नहीं तो परिजनों व पत्नी के नाम पर तो नहीं हैं। मार्च 2020 के विधानसभा सत्र के दौरान ये सवाल जबलपुर की वर्गी विधानसभा से कांग्रेस पार्टी के विधायक संजय यादव की तरफ से लगाया था। इस सवाल पर सहायक आयुक्त छविकांत बाघमारे की तरफ से जांच कर जवाब प्रस्तुत किया गया। इसमें बताया गया कि गौरव गृह समिति में भूखंड के संबंध में प्रशासक/अध्यक्ष/उपाध्यक्ष से जानकारी चाही गई, लेकिन किसी की तरफ से जानकारी नहीं दी गई। इससे कोई तथ्य उजागर नहीं हो सका। संभागायुक्त की तरफ से दिसंबर 2019 में बनाई गई जांच कमेटी जिसमें संयुक्त पंजीयक, अनुविभागीय अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई थी, जिसने इन सोसायटियों की विस्तृत जांच की। रिपोर्ट में बताया था कि गौरव में सदस्यों की वरियता का उल्लंघन कर भूखंड आवंटित होना पाया गया है। इतना जवाब लिखकर विधानसभा में प्रस्तुत किया गया। इससे साफ होता है कि सहकारिता अफसरों व उनके परिजनों के नाम पर भूखंडों की जानकारी सभी को थी, लेकिन नाम का खुलासा किसी ने नहीं किया। जानकारों का कहना है कि दिसंबर 2019 की जांच रिपोर्ट ही सार्वजनिक हो जाए तो गौरव, महाकाली, गुलाबी, हेमा, न्यू मित्र मंडल, मंदाकिनी व लाला लाजपत राय गृह निर्माण समितियों में हुए भूखंड घोटालों की हकीकत सामने आ जाएगी। क्योंकि इतनी सोसायटी कोई एक दर्जन लोगों के बीच में घूमती रहीं, किसी में कोई अध्यक्ष बन जाता तो किसी में सदस्य।

इसी कड़ी में विधानसभा में एक दूसरा सवाल ये भी लगा था कि गौरव गृह निर्माण समिति के बैंक खाते से दूसरी समिति के पदाधिकिारियों ने किसी प्रकार का कोई लेन देन तो नहीं किया। इस सवाल के जवाब में गौरव गृह निर्माण समिति के बैंक खाते की डिटेल विधानसभा के उत्तर में लगाई गई है। जिसमें बताया गया कि इस खाते से लाखों रुपए का लेन देन अनीता विष्ट के नाम पर जो हेमा महाकाली समिति में सदस्य हैं, 13 लाख 35 हजार रुपए। मनोज जो मंदाकिनी समिति में सदस्य हैं, उनको 50 हजार, पवन गौर, महाकाली में सदस्य, आठ लाख, समृद्धि कंपनी, दिनेश त्रिवेदी पार्टनर महाकाली, सितारा, मंदाकिनी के संचालक हैं, पांच लाख रुपए। इसी प्रकार सुमन, विष्णु और पटेल जो महाकाली, गुलाबी और हेमा में हैं। इनके नाम पर भी करीब सात लाख रुपए निकाले गए हैं। इनता सब कुछ सामने आने के बाद भी जिम्मेदार दिसंबर 2019 की रिपोर्ट को दबा कर बैठे हैं। यही नहीं विधानसभा में दी गई जानकारी के बाद भी कुछ कार्रवाई की जा सकती थी, वो भी नहीं हुई। ऐसे में सहकारिता विभाग के अफसरों के हौसले क्यों न बुलंद हों। वर्तमान सहकारिता उपायुक्त बबलू सातनकर की पत्नी सुनीता के नाम पर गौरव गृह निर्माण समिति में भूखंड आवंटित होना पाया गया। इस पर भी अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की। शिकायतकर्ता विवेक दीक्षित का कहना है कि अब न्याय के लिए कहां दरवाजा खटखटाएं।

प्लॉट के मामले में उपायुक्त को नोटिस जारी
गौरव गृह निर्माण सोसायटी में एक प्लॉट बबलू सातनकर की पत्नी सुनीता सातनकर के नाम प्लॉट आवंटन के मामले में आयुक्त सहकारिता की तरफ से नोटिस जारी कर सात दिन के अंदर जवाब मांगा है। जवाब का संतोषजनक उत्तर न मिलने पर विभागीय कार्यवाई की जाएगी। काफी समय के बाद भूखंड के मामले में विभाग की तरफ से नोटिस जारी किया है।

भूखंड मामले में उपायुक्त को नोटिस

गौरव गृह निर्माण सोसायटी में भूखंड आवंटन के मामले में उपायुक्त बबलू सातनकर को नोटिस जारी कर सात दिन में जवाब मांगा है। इस सोसायटी की शिकायतें काफी पुरानी हैं। विधानसभा के जवाब की जानकारी इस समय नहीं है।
नरेश पाल, आयुक्त, सहकारिता

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