इसी कड़ी में विधानसभा में एक दूसरा सवाल ये भी लगा था कि गौरव गृह निर्माण समिति के बैंक खाते से दूसरी समिति के पदाधिकिारियों ने किसी प्रकार का कोई लेन देन तो नहीं किया। इस सवाल के जवाब में गौरव गृह निर्माण समिति के बैंक खाते की डिटेल विधानसभा के उत्तर में लगाई गई है। जिसमें बताया गया कि इस खाते से लाखों रुपए का लेन देन अनीता विष्ट के नाम पर जो हेमा महाकाली समिति में सदस्य हैं, 13 लाख 35 हजार रुपए। मनोज जो मंदाकिनी समिति में सदस्य हैं, उनको 50 हजार, पवन गौर, महाकाली में सदस्य, आठ लाख, समृद्धि कंपनी, दिनेश त्रिवेदी पार्टनर महाकाली, सितारा, मंदाकिनी के संचालक हैं, पांच लाख रुपए। इसी प्रकार सुमन, विष्णु और पटेल जो महाकाली, गुलाबी और हेमा में हैं। इनके नाम पर भी करीब सात लाख रुपए निकाले गए हैं। इनता सब कुछ सामने आने के बाद भी जिम्मेदार दिसंबर 2019 की रिपोर्ट को दबा कर बैठे हैं। यही नहीं विधानसभा में दी गई जानकारी के बाद भी कुछ कार्रवाई की जा सकती थी, वो भी नहीं हुई। ऐसे में सहकारिता विभाग के अफसरों के हौसले क्यों न बुलंद हों। वर्तमान सहकारिता उपायुक्त बबलू सातनकर की पत्नी सुनीता के नाम पर गौरव गृह निर्माण समिति में भूखंड आवंटित होना पाया गया। इस पर भी अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की। शिकायतकर्ता विवेक दीक्षित का कहना है कि अब न्याय के लिए कहां दरवाजा खटखटाएं।
प्लॉट के मामले में उपायुक्त को नोटिस जारी
गौरव गृह निर्माण सोसायटी में एक प्लॉट बबलू सातनकर की पत्नी सुनीता सातनकर के नाम प्लॉट आवंटन के मामले में आयुक्त सहकारिता की तरफ से नोटिस जारी कर सात दिन के अंदर जवाब मांगा है। जवाब का संतोषजनक उत्तर न मिलने पर विभागीय कार्यवाई की जाएगी। काफी समय के बाद भूखंड के मामले में विभाग की तरफ से नोटिस जारी किया है।
भूखंड मामले में उपायुक्त को नोटिस
गौरव गृह निर्माण सोसायटी में भूखंड आवंटन के मामले में उपायुक्त बबलू सातनकर को नोटिस जारी कर सात दिन में जवाब मांगा है। इस सोसायटी की शिकायतें काफी पुरानी हैं। विधानसभा के जवाब की जानकारी इस समय नहीं है।
नरेश पाल, आयुक्त, सहकारिता