उन्होंने कहा कि पूरा प्रदेश बिजली व कोयला संकट से परेशान चल रहा है। बिजली (power) संकट से आज किसान परेशान है, व्यापारी परेशान है, छात्र परेशान हैं। यह सब पिछले दो वर्ष के भ्रष्टाचार का नतीजा है। भाजपा सरकार बिजली संकट, कोयला संकट को मजाक में ले रही थी। यह स्थिति आज उत्पन्न नहीं हुई है। पिछले दो-तीन महीने से यह संकट दिख रहा था। यह कोई अचानक से बाढ़ या भूकंप नहीं आया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार हमेशा से ही कोयले संकट, बिजली संकट से इंकार करती रही है। इस संकट से निपटने को लेकर भाजपा सरकार ने कोई प्लानिंग नहीं की। जिस प्रकार इन्होंने कोरोना से निपटने की कोई प्लानिंग नहीं की थी, ऐसे ही इन्होंने बिजली संकट-कोयला संकट से निपटने की कोई प्लानिंग नहीं की।
मुझे चुनाव की तैयारी करना थी इसलिए छोड़ा नेता प्रतिपक्ष पद मेरे ऊपर दोहरी जिम्मेदारी थी, मुझे चुनावी तैयारी भी करना है, इसलिए मैं इस पद को छोडऩा चाहता था। दो माह पहले केन्द्रीय नेतृत्व से आग्रह कर चुका था। मैं चाहता था कि जवाबदारी किसी और को मिले ताकि मैं अपना पूरा ध्यान चुनाव पर लगा सकूँ। कमलनाथ ने स्पष्ट किया कि उन्होंने ही डॉ. गोविंद सिंह के नाम का प्रस्ताव रखा था। केन्द्रीय नेतृत्व ने इसे मान्य कर लिया। एक अन्य सवाल पर कहा कि मिशन 2023 के लिए कांग्रेस पूरी तरह से तैयार है। हर नेता से कांग्रेस को मजबूती मिलती है। भाजपा अपने संगठन की चिंता करे, कांग्रेस के संगठन की चिंता छोड़ दे।
लाउडस्पीकर निजी मामला लाउडस्पीकर के सवाल पर कहा कि यह एक निजी मामला है, इसको मुद्दा बनाना ठीक नहीं है। लाउडस्पीकर से लोगों की भावनाएं जुड़ी है, पर लाउडस्पीकर भड़काने वाला हो तो उस पर कार्रवाई ज़रूर होना चाहिए। लाउडस्पीकर का उपयोग कई जगह पर होता है, पर इसका दुरुपयोग ना हो, इससे मैं सहमत हूँ।