भगवान आदिनाथ के जन्म कल्याणक महोत्सव पर शहर के जैन मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था और मंदिरों में आदिनाथ प्रभु के जयकारे गूंज रहे थे। शहर के प्राचीन चौक जैन मंदिर से गाजे बाजे के साथ चांदी की पालकी में विराजमान कर भगवान आदिनाथ की शोभायात्रा निकाली गई। इसके बाद मंदिर में मूलनायक भगवान आदिनाथ का अभिषेक और मंत्रोच्चारित शांतिधारा की गई। इस मौके पर बड़ी संख्या में समाज के श्रद्धालु मौजूद थे।
शाहपुरा जैन मंदिर से शोभायात्रा जन्म कल्याणक के मौके पर शाहपुरा जैन मंदिर से मुनि निर्दोष सागर महाराज, मुनि निर्लोभ सागर महाराज के सानिध्य में केसरिया ध्वजों के साथ शोभायात्रा निकाली गई। इसमें श्रद्धालु कुंडलपुर के बड़े बाबा चांदखेड़ी के बड़ेबाबा भगवान आदिनाथ के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। महिलाएं डांडिया नृत्य कर रही थी। मंदिर से प्रारंभ हुई यह शोभायात्रा विभिन्न मार्गों से होते हुए ऋषभदेव उद्यान के पास पहुंची। इस मौके पर धर्मसभा का आयोजन किया। इसमें जैन मुनि निर्दोष सागर महाराज ने कर्म के महत्व पर प्रकाश डाला। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
पालना झुलावन की क्रियाएं
शहर के मंदिरों में जन्म कल्याणक के मौके पर विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान के साथ-साथ पालना झुलावन की क्रियाएं भी हुई। जैन मंदिर पिपलानी में जैन मुनि निरूपम सागर महाराज के सान्निध्य में आयोजन किया गया। यहां मूलनायक भगवान आदिनाथ की शांतिधारा और पूजा अर्चना हुई। इस मौके पर आकर्षक पालना सजाया गया और पालने में भगवान को झुलाने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मची रही। इसी प्रकार नंदीश्वर जिनालय, रानी कमलापति , जवाहर चौक, शंकराचार्य नगर, अयोध्या नगर, कोहेफिजा, अशोका गार्डन सहित अन्य जैन मंदिरों में भी आयोजन हुए।