धूम्रपान से भी बढ़ता है गर्भपात का खतरा
धूम्रपान थायरॉइड को सीधे तौर पर प्रभावित करता है, इसके साथ ही निकोटिन शरीर से आयोडीन को अवशोषित करता है। गर्भवती महिलाओं को जितनी जल्दी से जल्दी हो सके, शरीर में थायरॉइड के आसामान्य स्तर का डायग्नोसिस करा लेना चाहिए। अगर थायरॉइड से संबंधित गड़बडियों का पता चलता है तो सुरक्षित गर्भावस्था तथा प्रसव और गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य के लिए तुरंत उपचार करना चाहिए।
अन्य बड़े कारण यह भी
1. गर्भावस्था के दौरान मां का स्वस्थ होना आवश्यक है। अगर मां की तबियत खराब हो जाती है तो इसका सीधा असर गर्भ में पल रहे भ्रूण पर पड़ता है। हाई ब्लड प्रेशर, मधुमेह कुछ ऐसी स्थितियां हैं, जिनमें भ्रूण को नुकसान पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है। गर्भावस्था के दौरान मां का धूम्रपान करना भ्रूण के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। बहुत अधिक तनाव लेना भी गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। कई बार गर्भवती महिला कुछ ऐसी चीजें खा लेती हैं° जो गर्भावस्था में खाना प्रतिबंधित होता है। अधपका मांस या बासी खाना खाना महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। एल्कोहल का सेवन करना भी भ्रूण को नुकसान पहुंचा सकता है।