यही वजह है कि साइकिल का कारोबार एक बार पुन: करवट लेने लगा है। एनएफएचएस-5 के मुताबिक देश के 50.4% परिवारों में साइकिल की मौजूदगी है। मध्यप्रदेश के 45.1% परिवार साइकिल की सवारी कर रहे हैं। साइकिल की सवारी करने में यूपी और छत्तीसगढ़ के लोग हमसे 30% आगे हैं।
राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात पीछे है। पांच वर्ष से साइकिल का कारोबार कर रहे तारकेश्वर जैन ने बताया कि पेट्रोल- डीजल के दाम और कोरोना के बाद लोगों का साइकिल की तरफ रूझान तेजी से बढ़ा है। पहले महीने में 70-80 साइकिल बिकती थीं। अब हर माह 120-130 साइकिल बिकती हैं।
2 हजार से 1.50 लाख तक की साइकिल
समय के साथ-साथ साइकिल ने भी अपने स्वरूप को बदला है। इसका बड़ा कारण सेहत को लेकर चिंतित लोगों में साइकिल का बढ़ता क्रेज। मौजूदा वक्त में बाजार में बच्चों के लिए 2 हजार तो बड़ों के लिए 3.5 हजार की शुरुआती कीमत से लेकर 1.50 लाख तक की साइकिल मौजूद हैं। दिलचस्प ये है कि लोग मंहगी साइकिलों का बीमा भी करवा रहे हैं।
राज्य : | परिवारों में मौजूद साइकिल का प्रतिशत ऐसे समझें |
उत्तरप्रदेश : | 75.6% |
छत्तीसगढ़ : | 70.8% |
मध्यप्रदेश : | 45.1% |
राजस्थान : | 32.2% |
गुजरात : | 29.9% |
महाराष्ट्र : | 29.3% |