अमित ने बताया कि मां की खबर सुनकर परिवारीजन काफी दूर से आए थे, कोई 600 किमी कार चलाकर सैमरा पहुंचा, लेकिन कोविड के बोर्ड के चलते बाहर से ही लौटना पड़ा। 8 सितंबर से पूरे घर को आईसोलेट कर रखा है। इस संबंध में कोरोना कंट्रोल रूम तक फोन कर पूछ चुके हैं, लेकिन कोई बताने वाला नहीं है। सिर्फ इतना बोलते हैं कि सूची में यही नाम आए हैं। 20 तक पूरा परिवार आईसोलेट है।
एम्बुलेंस भेजी कहीं और फोन पहुंचा किसी और पर
सैम्पल की सूची में गड़बड़ी का एक और उदाहरण सामने आ चुका है। जिसमें शहर सर्किल के एक कर्मचारी ने फोन कर बताया कि आप की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव है। वो फोन पहुंचा होशंगाबाद रोड की एक पॉश कॉलोनी के बड़े कारोबारी के पास। पूरे परिवार में हड़कंप मच गया। क्योंकि उनके पास एक दिन पहले सैम्पल निगेटिव की रिपोर्ट का मैसेज आया था। लेकिन फोन करने वाले ने कहा कि वो उन्हें लेने आ रहे हैं तैयार हो जाओ। इसके बाद जब टीम उन्हें लेने पहुंची पुराने शहर में, फोन कर रहे होशंगाबाद रोड की कॉलोनी में। तब जाकर स्पष्ट हुआ कि सूची में मोबाइल नंबर गतल डाला गया।