सभी वार्ड में हॉकर कॉर्नर नहीं बनने से पूरे शहर में सड़क किनारे ठेल व गुमठियों की संख्या लगभग 40 हजार से अधिक हो रही है। एमपी नगर, कोलार और बैरागढ़ क्षेत्र में ही तीन हजार से अधिक अवैध गुमठियां और हाथ ठेले हैं। इनसे निगम को हर माह करीब 15 लाख रुपए के राजस्व की चपत भी लग रही है। इस स्थिति में नेताओं व अफसरों का गठजोड़ भी सामने आ रही है। कोलार रोड क्षेत्र के वार्ड 80, 81, 82, 83, 84 में हॉकर कॉर्नर बनाए ही नहीं जा सके।
सड़कों और चौराहों/तिराहों पर ठेल और गुमठियों का कब्जा हो गया है। हॉकर्स कॉर्नर की नई नीति में भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों, मुख्य मार्गों, स्कूलों और अस्पतालों के साथ सरकारी दफ्तरों के 100 मीटर के दायरे में गुमटियां और ठेले नहीं लगाने का प्रावधान है, लेकिन नेताओं की शह पर हर कहीं अवैध ठेल/गुमटी बाजार बन गए हैं। कोलार और बैरागढ़ क्षेत्र में ही दो हजार से अधिक अवैध गुमठियां और हाथ ठेले हैं, जिनसे निगम को हर माह करीब 10 लाख रुपए की चपत लग रही है।
अवैध वसूली का चल रहा खेल
नगर निगम के कर्मचारी शहर की अवैध गुमटियों और ठेलों से 20 रुपए की रसीद काट कर पैसे वसूलते हैं। सूत्रों की मानें तो यह रकम निगम के खाते में जमा नहीं की जाती है। इस तरह करोड़ों रुपए की अवैध वसूली कर अवैध ठेल और गुमठियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। सूत्रों की माने तो नगर निगम की सीमा में गुमटी रखवाने पर स्थानीय नेता दो से तीन लाख रुपए तक दुकानदारों से वसूलते हैं। क्षेत्र में इसमें इनके दलाल और गुमठी माफिया सक्रिय रहते हैं। इन स्थानों पर अपराधी तत्वों का जमावड़ा भी देखा जा सकता है। वाहनों को निकालने में परेशानी होती है और जरा सा वाहन टच होने पर विवाद व मारपीट की स्थिति बन जाती है।
सभी क्षेत्रों में बनवाए जाएंगे हॉकर कॉर्नर
सरकार की भेदभाव पूर्ण नीति का परिणाम है। जब प्रत्येक वार्ड में दस-दस लाख रुपए की लागत से हॉकर कॉर्नर बनाने का प्रस्ताव स्वीकृत हो चुका था और स्थान चिन्हित कर ठेकेदारों को काम भी सौंप दिया गया था, फिर काम क्यों नहीं हुआ। इससे लगता है कि अधिकारियों, ठेकेदारों की मिलीभगत के चलते काम नहीं हुआ। नगर निगम ने भी काम नहीं करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
रवीन्द्र यति, महासचिव, भाजपा पार्षद दल, ननि
कई जगहों पर तो हॉकर कॉर्नर बनाए जा चुके हैं। कुछ वार्ड में हॉकर कॉर्नर बनने में कुछ समस्याएं आ रही हैं। इन समस्याओं का निराकरण कराने के बाद हॉकर कॉर्नर बनवाए जाएंगे।
हरीश गुप्ता, उपायुक्त, नगर निगम