कथा व्यास मनोज दीक्षित ने मंगलवार को भगवान श्रीकृष्ण की रासलीला का वर्णन किया। श्रीमद भागवत कथा के दौरान रुक्मिणी विवाह की झांकी सजाई कई। श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के दर्शन कर आरती उतारी। इससे पहले श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया व कान्हा को 56 भोग लगाया गया।
राजीव नगर में आज से भागवत कथा
बीएचईएल क्षेत्र में रायसेन रोड पर स्थित मां काली मंदिर राजीव नगर में बुधवार से श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। श्रीमद् भागवत कथा से पूर्व कलश यात्रा निकाली जाएगी, जो मुख्य मार्ग और कॉलोनियों का भ्रमण करते हुए कथा स्थल पहुंचेगी। राजकुमार ग्वाला ने बताया कि मुंबई के पं. विनोद शास्त्री कथा का वाचन करेंगे। कथा नौ जनवरी तक दोपहर एक से शाम चार बजे तक चलेगी।
बीएचईएल क्षेत्र में रायसेन रोड पर स्थित मां काली मंदिर राजीव नगर में बुधवार से श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। श्रीमद् भागवत कथा से पूर्व कलश यात्रा निकाली जाएगी, जो मुख्य मार्ग और कॉलोनियों का भ्रमण करते हुए कथा स्थल पहुंचेगी। राजकुमार ग्वाला ने बताया कि मुंबई के पं. विनोद शास्त्री कथा का वाचन करेंगे। कथा नौ जनवरी तक दोपहर एक से शाम चार बजे तक चलेगी।
कलयुग में कथा सुनने मात्र से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता : पं. नागर
इधर, गांधीनगर स्थित गोदरमऊ में चल रही भागवत कथा में पं. नरेंद्र नागर ने कथा के दूसरे दिन कहा कि श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है, जहां अन्य युगों में धर्म लाभ एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए कड़े प्रयास करने पडते हैं। कलयुग में कथा सुनने मात्र से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। सोया हुआ ज्ञान वैराग्य कथा श्रवण से जाग्रत हो जाता है। कथा कल्पवृक्ष के समान है, जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है। भागवत पुराण हिन्दुओं के 18 पुराणों में से एक है। इसे श्रीमद् भागवत या केवल भागवतम् भी कहते हैं।
इधर, गांधीनगर स्थित गोदरमऊ में चल रही भागवत कथा में पं. नरेंद्र नागर ने कथा के दूसरे दिन कहा कि श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है, जहां अन्य युगों में धर्म लाभ एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए कड़े प्रयास करने पडते हैं। कलयुग में कथा सुनने मात्र से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। सोया हुआ ज्ञान वैराग्य कथा श्रवण से जाग्रत हो जाता है। कथा कल्पवृक्ष के समान है, जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है। भागवत पुराण हिन्दुओं के 18 पुराणों में से एक है। इसे श्रीमद् भागवत या केवल भागवतम् भी कहते हैं।