मुश्किल हो जाती है जिंदगी
नाटक में दिखाया गया कि अमन नाम का एक लड़का है, जो बेरोजगार है और काम की तलाश में है। उसकी पत्नी एक प्राइवेट कंपनी में काम करती है। अमन के पड़ोस में एक व्यक्ति रहता है जो उससे मिलना चाहता है, लेकिन अमन उससे नहीं मिलता। पड़ोसी एक दिन अमन को बार में मिल जाता है, और पड़ोसी अपनी परिस्थिति अमन को बताता है कि उसके पास काम नहीं है, बीवी जॉब पर जाती है, उसे शक है की उसकी बीवी का संबंध उसके बॉस से है। पड़ोसी यह सारी बात अमन को कहता है। अमन, पड़ोसी को समझाता है कि बीवी पर शक करना ठीक नहीं है, औरत अगर घर से बाहर काम कर रही है इसका ये मतलब नहीं है की वह गलत है। नाटक के अंत में यही स्थिति अमन की बीवी आशा के साथ भी चल रही है वो अपनी क्लासमेट को समझा रही है की अगर तेरा पति तुझ पर शक करता है, तो उसे छोड़ क्यों नहीं देती, लेकिन उसने लव मेरिज की अगर अलग हो गए तो दुनिया वाले और घरवाले क्या कहेंगे, यही सोच कर वह उसके साथ रह रही है, और ऐसे ही उनकी जिंदगी चल रही है।