नगर पालिका की पूर्व परिषद तीन वर्षों तक बजट में स्टेडियम के लिए राशि का प्रावधान किया था। नवगठित परिषद ने राशि के साथ 3 एकड़ जमीन भी चिन्हित कर दी, फिर भी स्टेडियम बनाने की योजना पर अमल नहीं हो पाया। यह स्थिति तब है, जब शहर से प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में खिलाड़ी जिला, संभाग, राज्य और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नगर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हॉल ही में हुई राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रदेशभर के करीब 800 खिलाडिय़ों ने भाग लिया। प्रतियोगिता के सभी मैच शासकीय स्कूल प्रांगण मंगल बाजार में खेले गए। यहां धूप, बारिश से बचने कोई व्यवस्था नहीं है।
स्टेडियम बनने से यह होगा फायदा
शहर में बीते कुछ वर्षों से इंडोर और आउटडोर दोनों तरह के गेम खेले जा रहे हैं। आउटडोर गेम के लिए शासकीय स्कूल का खेल मैदान ही है। यहीं पर बच्चे हॉकी, क्रिकेट, फुटबॉल, कब्बडी, खो-खो, बॉलीबाल, नेटबॉल, डॉजबॉल, बैडमिन्टन का अभ्यास करते हैं। चैस, जूडो, करांटे, बास्केटबॉल आदि के लिए उपयुक्त जगह नहीं है।
खिलाड़ी पहुंचते हैं राज्य स्तर पर
शहर से प्रतिवर्ष जिला से राष्ट्रीय स्तर तक सैंकड़ों की संख्या में खिलाड़ी नगर का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके नियामित अभ्यास के लिए संसाधन नहीं हैं। यहां हॉकी का फीडर सेंटर भी संचालित होता है, जिसमें सैंकड़ों महिला खिलाड़ी अभ्यास करने मंगल बाजार खेल मैदान पहुंचती हैं। इसका रखरखाव नहीं होने से बारिश में खिलाड़ी अभ्यास नहीं कर पाते हैं।
नपा विस्तार के बाद न तो खेल मैदान के लिए जगह की कमी है और न ही फंड की। कमी है तो सिर्फ इच्छा शक्ति कि जिसके चलते अब तक स्टेडियम का निर्माण नहीं हो सका है।
प्रहलाद राठौर, हॉकी कोच
निसार उल्ला, राष्ट्रीय खेल प्रशिक्षक
बद्री सिंह चौहान, अध्यक्ष नपा मंडीदीप