बैंक की नौकरी छोड़ शुरू की खेती, जैविक विधि से उगा रहे सब्जियां
भोपाल. आज डाइबिटीज और कैंसर जैसी बीमारियां तेजी से पांव पसार रही हैं, जिनका मुख्य कारण हमारा खान-पान है। अनाज और सब्जियां, रसायनों के अंधाधुंध प्रयोग से फायदा कम और नुकसान ज्यादा पहुंचा रही हैं।
जरूरत है कि आज समाज में इसे लेकर जागरुकता पैदा हो और हम जैविक उत्पादों की ओर कदम बढ़ाएं। इसी दिशा में एक कदम है ग्रीन एंड ग्रेन्स जो भोपाल के लोगों को कृत्रिम रसायनमुक्त सब्जियां और अनाज उपलब्ध करा रहे हैं। भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम), कलकत्ता ने इन्हें स्टार्टअप इंडिया प्रोग्राम में चयनित किया है।
ग्रीन एंड ग्रेन्स के सीईओ प्रतीक शर्मा किसान परिवार से हैं, जिन्होंने पुणे से एमबीए के बाद 10 वर्ष से अधिक बैंक में काम किया। वर्ष 2016 में इन्होंने नौकरी छोडकऱ खेती शुरू की और किसानों का एक समूह बनाकर जैविक विधि से सब्जियां उगाकर उन्हें सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाना शुरू किया। आज इनके पास 600 से अधिक रजिस्टर्ड उपभोक्ता हैं।
हाल ही में इन्होंने अपना घर वृद्धाश्रम और सेवा भारती संचालित वनवासी बालक छात्रावास में भी सब्जियां दान करना शुरू कर दिया है। ग्रीन एंड ग्रेन्स एक ओर जहां उचित दाम पर रसायनमुक्त उत्पाद अपने उपभोक्ताओं को उपलब्ध करा रहे हैं, वहीं किसानों को अपनी फसल का उचित मूल्य मिल रहा है। आप भी 8370064888 पर व्हाट्सएप्प के जरिये इनकी सुविधाओं का फायदा ले सकते हैं
गरीबों और बच्चों की मदद के लिए सदैव रहती हैं तत्पर
भोपाल. मैं मानती हूं कि ये समाज हमारा परिवार है और अपने परिवार के लिए किया गया कोई भी काम हमारा कर्तव्य है न कि सेवा। अरेरा कॉलोनी निवासी मनीषा विवेक विगत तीन सालों से लोगों के यहां से पुराने कपड़े जमा कर उन्हें साफ-सुथरा करके गरीब परिवारों सहित फुटपाथ पर रहने वाले लोगों को वितरित करती हैं।
ठंड के दिनों में गरीबों को कंबल का वितरण किया। मनीषा ने बताया कि महीने मेें एक या दो बार उन गरीब बच्चों से केक कटवाती हैं, जिनका जन्म दिन होता है। गरीब परिवारों की औरतों, बच्चों सहित अन्य लोगों को साफ-सफाई के लिए प्रेरित करने के साथ ही महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन देती हैं। इन सभी कामों में हमारे परिवार, कॉलोनी के लोगों के साथ दोस्तों का प्रोत्साहन और मदद मिलती है।
जेब खर्च की राशि से बच्चों के चेहरे पर बिखेरते हैं मुस्कान
भोपाल. जहां आज के अधिकांश युवा बड़ी कंपनियों में बेहतर पैकेज वाले जॉब के लिए प्रयासरत रहते हैं। वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो इन सबसे इतर समाज को एक नई दिशा देने का काम कर रहे हैं। इनमें से एक सत्यम मिश्रा और उनके कुछ साथी भी हैं।
इन युवाओं का संगठन मदतघर वेलफेयर सोसाइटी है। ये उन युवाओं की सोसाइटी है, जिन्होंने कॉलेज से निकलने के बाद समाजसेवा को अपना कॅरियर बनाने का निश्चय किया। मदतघर वेलफेयर सोसाइटी के सदस्य अपने स्तर पर संसाधन अर्जित कर लोगों की मदद करते हैं और बच्चों के चेहरे पर मुश्कान बिखेरते हैं। इसका मूल उद्देश्य आस-पास के वंचित, असहाय व जरूरतमंद लोगों का पता लगाना। उनकी समस्याओं को पहचानना और उसके लिए यथासंभव मदद करना है।
मदतघर संगठन शिक्षा, स्वच्छता, मानसिक स्वास्थ्य, पर्यावरण और सरकारी योजनाओं तक लोगों की पहुंच जैसे क्षेत्रों में विशेष रूप से काम कर रहा है। एक्सीलेंस कॉलेज से पासआउट संगठन के अध्यक्ष सत्यम मिश्रा का कहना है कि कॉलेज के दौरान ही हम सबने यह विचार किया कि कुछ ऐसा किया जाए कि हमारे काम से समाज में कुछ सकारात्मक बदलाव आए। इनकी टीम में नीतेश व्यास, आनंद शर्मा, शिवांगी भार्गव, मनीषा मिश्रा, समीक्षा तिवारी, पुनीत दुबे, विक्रममादित्य मानकर, आशुतोष सेंगर एवं अभिषेक पाठक शामिल हैं।
सर्द रात में कम्बल के साथ बेसहारा लोगों को दे रहे सम्बल
गरीबों की मदद करने रात में निकलती है युवाओं की टोली
बैरागढ़/संत हिरदाराम नगर. ठंड के दिनों में खुले आसमान के नीचे ठिठुरते लोगों के साथ ही फुटपाथ पर रहने वाले लोगों को कम्बल के साथ सम्बल देने के लिए हिन्दू फेस्टिवल क्लब के युवाओं की टोली रात होते ही निकल पड़ती है। क्लब के अध्यक्ष मि_ी दास ने लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि कभी ऐसे लोगों के दु:ख को भी महसूस करके देखो।
ऐसे लोगों की मदद हमें अपनी जिम्मेदारी समझकर करनी चाहिए, क्योंकि यह भी हमारे समाज का हिस्सा हैं। हम लोगों द्वारा एक पहल की जा रही है। हमारी संस्था से जुड़े युवाओं ने इस मुहिम से जुड़ कर कम्बल का वितरण किया।
पौधरोपण कर बच्चों को देती हैं पर्यावरण का संदेश
भोपाल. बच्चों का सर्वांगीण विकास और उनकी पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें पर्यावरण का महत्व बताना हमारा कर्तव्य है। एंजिल वेलफेयर सोसायटी की अध्यक्ष अरेरा कॉलोनी निवासी समता अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने बच्चों के साथ मिलकर 150 से ज्यादा पौधे लगा चुकी हैं।
प्राचार्य से मिलकर इस कार्य के लिए बच्चों को नंबर देने की बात भी करती हैं। बच्चों को अपने आस-पास साफ-सफाई के लिए प्रेरित करने के साथ ही अन्य सामाजिक कार्य करती हैं।
पर्यावरण और स्वच्छता के लिए करती हैं साफ-सफाई
भोपाल. पर्यावरण व स्वच्छता के लिए दृढ़ संकल्पित महिलाओं का संगठन सकारात्मक सोच आने वाली पीढिय़ों को स्वच्छ सुन्दर बसुंधरा देने के लिए प्रयासरत है। संगठन की अध्यक्ष अनीता शर्मा ने बताया कि टीम के सदस्य प्रत्येक रविवार को सुबह 6 बजे किसी निश्चित स्थान को चिह्नित कर वहां साफ-सफ़ाई करती हंै। बर्तन बैंक बनाकर डिस्पोज़ल का बहिष्कार का अनुरोध करती हैं।
भोपाल के लोगों के लिए बर्तन बैंक की सुविधा नि:शुल्क देती हैं। पुराने कपड़ों से थैले बनाकर मंदिरों,सब्जी मंडी में नि:शुल्क वितरित करने के साथ ही अन्य सामाजिक कार्य करती है।