पं. विष्णु राजौरिया के अनुसार 15 जनवरी से विवाह कार्यों की शुरुआत होगी। इसके बाद 23 फरवरी तक विवाह के योग रहेंगे, लेकिन 23 फरवरी के बाद गुरु अस्त होने के कारण विवाह कार्यों पर विराम लग जाएगा। इसी प्रकार मार्च में गुरु अस्त और 15 मार्च से 15 अप्रैल तक खरमास के कारण भी विवाह नहीं होंगे। इसके बाद 15 अप्रेल के बाद विवाह कार्यों होंगे। इसके बाद देवशयनी एकादशी तक मुहूर्त रहेंगे। इसी प्रकार देवशयनी एकादशी से चातुर्मास लगने कारण चार माह विवाह नहीं होंगे।
गुरु, शुक्र अस्त होने के कारण नहीं होते हैं विवाह
पंडितों का कहना है कि विवाह प कार्यों के लिए गुरु और शुक्र का उदित होना जरूरी है। इसमें से एक कभी ग्रह अगर अस्त होता है तो विवाह के योग नहीं बनते हैं। गुरु बल और शुक्र की विवाह निकाला जाता है। मार्च में गुरु अस्त, खरमास के विवाह नहीं होंगे, इसी प्रकार के कारण नवम्बर की शुरुआत में शुक्र अस्त होने के कारण विवाह कार्य नहीं होंगे। नवम्बर में देवउठनी एकादशी के बाद 20 नवम्बर को शुक्र का उदय होगा। इसलिए आखिरी सप्ताह में विवाह कार्यों की शुरुआत हो पाएगी।
इस साल ऐसे रहेंगे विवाह मुहूर्त
जनवरी- 4 मुहूर्त
फरवरी- 7 मुहूर्त
अप्रेल- 8 मुहूर्त
मई- 12 मुहूर्त
जून-9 मुहूर्त
जुलाई-7 मुहूर्त
नवम्बर- 3 मुहूर्त
दिसम्बर- 6 मुहूर्त
-10 जुलाई से 4 नवम्बर तक देवशयन के कारण विवाह मुहूर्त नहीं है।
– मार्च में मीन की संक्रांति और गुरु अस्त के कारण विवाह मुहूर्त नहीं है।