10 प्रतिशत रिसायकिल करने योग्य…
इसके निस्तारण के लिए शहर में इंतजाम किए गए हैं, लेकिन उस पर अमल नहीं हो पा रहा है। राजधानी में प्रतिदिन 800 टन कचरा निकलता है, इसमें 14 प्रतिशत प्लास्टिक कचरा होता है। इसमें 5 प्रतिशत वन टाइम यूज्ड प्लास्टिक और 10 प्रतिशत रिसायकिल करने योग्य प्लास्टिक कचरा है।
प्लास्टिक के गिलास उपयोग कर रहे…
दरअसल, होटल और रेस्टोरेंट में स्टेटस सिंबल के फेर में ग्राहक को बोतलबंद पानी पेश किए जाने का चलन बढ़ा है, वहीं बार-बार की धुलाई से बचने के लिए ठेला, चाय और रस के दुकानदार भी कांच के के बजाय प्लास्टिक के गिलास उपयोग कर रहे हैं।
जिम्मेदार मौन धारण किए हुए…
इसी तरह कागज की जगह वन टाइम यूज्ड प्लास्टिक प्लेटों ने ले ली है। शादी और सामाजिक सरोकार के कार्यक्रमों में भी दोना-पत्तल सहित प्लास्टिक के बर्तन बड़ी मात्रा में उपयोग होने लगे हैं। ऐसे में राजधानी में रोज कई टन प्लास्टिक कचरा निकल रहा है। इधर जिन जिम्मेदारों को इस पर रोक लगानी है, वे मौन धारण किए हुए हैं।
होटल से लेकर ठेलों तक पर जो प्लास्टिक उपयोग हो रहा है, वह साधारण प्लास्टिक से अधिक खतरनाक और कैंसरकारक है। वन टाइम यूज्ड प्लास्टिक शहर को दबाते जा रहा है। जब तक इस पर रोक के नियम बनाकर उस पर कठोरता से पालन नहीं कराया जाएगा, स्थिति में सुधार नहीं आएगा।
सुभाष सी पांडेय, पर्यावरणविद
बड़ा तालाब से निकाली 341 ट्रिप गाद और मिट्टी
बड़े तालाब के भदभदा एवं बिसनखेड़ी क्षेत्र में सोमवार को 341 ट्रिप गाद-मिट्टी निकाली गई। झील संरक्षण प्रकोष्ठ अमले ने इसके लिए यहां एक एक्सीवेटर, चार पोकलेन, जेसीबी मशीन एवं सात डंपर लगा रखे हैं। जनभागीदारी से निगम को दो पोकलेन व डंपर मिले हैं। इस मिट्टी को निगम की नर्सरियों, विश्रामघाट एवं स्मार्ट सिटी के पार्क में डाला जा रहा है। अभियान के दूसरे चरण में खानूगांव एवं बैरागढ़ विसर्जन घाट के पास गहरीकरण कार्य किया जाएगा।