दुकानदारों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश और जीएसटी लागू होने के बाद से पटाखा व्यापारी असंमजसय की स्थिति में हैं। उनका कहना है कि इस बार मंदी से जूझना पड़ेगा। हालांकि पटाखा बाजार में पटाखों की रौनक दिखने लगी है। बाहर से माल आना शुरू हो गया है। व्यापारी गोदामों में पूर्व से ही स्टॉक कर चुके हैं, अब तो वह खरीदारों की राह ताक रहे हैं।
यहां से आते हैं खरीरदार
पटाखा बाजार हलालपुरा में बरेली, होशांगाबाद, सीहोर, आष्टा, कुरावर, बैरसिया, औबेदुल्लागंज, मण्डीदीप, नसरुल्लागंज, रेहटी, रायसेन, सांची, नजीरबाद आदि जगहों से छोटे व्यापारी खरीदारी करने आते हैं। मंदी की वजह से इस बार ग्राहक सुस्त दिख रहे हैं। ऐसे में इस बार नुकसान हो सकता है। दुकानदारों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश और जीएसटी लागू होने के बाद से पटाखा व्यापारी असंमजसय की स्थिति में हैं। उनका कहना है कि इस बार मंदी से जूझना पड़ेगा।
ये रहेगा आकर्षण
पटाखा व्यापारियों ने बताया, इस साल बच्चों के लिए खास रंगारंग पटाखे जैसे कि छोटा भीम, मोटू-पतलू, कलरफुल, रंग-बिरंगी, वैरायटी काफी पसंद होगी। आचार संहिता के कारण ज्यादा साउंड और उंचाई वाले पटाखों को बैन कर दिया गया है। इस साल देश में बने पटाखे बाजार में हैं चाईनीज पटाखों को दरकिनार कर दिया गया है।
करोड़ों का हो सकता है व्यवसाय
इस बार पटाखा व्यापारी आस लगाए बैठे हैं कि अच्छा व्यवसाय होगा, लेकिन जिस तरह से अभी तक बाजार से ग्राहक नदारद हैं, उससे उनकी नींद उड़ी हुई है। व्यापारियों ने करोड़ो का पटाखा स्टॉक कर रखा है। पिछले साल दिवाली से पहले करोड़ों का व्यापार हुआ था, इस बाद आधा भी नहीं होता दिख रहा।