प्रारंभिक जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि मरीज की हालत खराब है और वेंटीलेटर पर रखना पड़ेगा। हालांकि उन्होंने अस्पताल में वेंटीलेटर खाली ना होने पर उन्हें हमीदिया अस्पताल या कमला नेहरू अस्पताल रेफर करने की बात कही। हालांकि हमीदिया में भी वेंटिलेटर खाली नहीं था, ऐसे में मजबूरन परिजनों को उन्हें निजी अस्पाल में भर्ती करना पड़ा।
विभाग में सिर्फ एक वेंटीलेटर ही
जानकारी के मुताबिक कार्डियोलॉजी विभाग में सिर्फ एक ही वेंटीहलेटर हैं, जबकि यहां हर रोज 250 मरीज पहुचते हैं। इनमें से हर रोज तीन से चार मरीज गंभीर अवस्था में होते हैं। यही नहीं दूसय्रे विभागों में भी यही हाल है। मरीज के परिजनों ने संस्थान की डायरेक्टर डॉ. प्रभा देसिकन को पत्र लिखकर शिकायत की है।
डॉक्टर लगातार दे रहे इस्तीफा, बिगड रही व्यवस्थाएं
भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) के 14 डॉक्टर अपना इस्तीफा दे चुके हैं। डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि उन्हें मरीजों के उपचार के लिये अनुमति अथवा बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। बीएमएचआरसी के एक वरिष्ठ सर्जन के अनुसार हमने इंडियन काउंसिल मेडिकल रिसर्च :आईसीएमआर: के महानिदेशक को इस संबंध में ई-मेल कर दिया है।
उन्होंने कहा कि बार बार की दलीलों के बावजूद अस्पताल प्रबंधन डॉक्टरों को पदोन्नति नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा हमारे पास मरीजों के उपचार के लिये दवाएं और सर्जिकल उपकरण नहीं हैं। डॉक्टर ने आरोप लगाया कि कई दफा स्थिति इस प्रकार हो जाती है कि हमें आपरेशन की लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है। अस्पताल में लगभग 4,000 बाह्यरोगी मरीज आते हैं। यह अस्पताल भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को समुचित उपचार की सुविधा देने के उद्देश्य से बनाया गया है।