– 31 तक मंत्रिमंडल गठन की संभावना नहीं
शिवराज मंत्रिमंडल के 31 मार्च तक बनने की संभावना न के बराबर है। शिवराज ने अपने विधायकों से कहा है कि उनकी पहली प्राथमिकता कोरोना वायरस से प्रदेश को बचाना है। ऐसे में मंत्रिमंडल को लेकर कोई निर्णय फिलहाल नहीं कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक एक दो दिन में शिवराज दिल्ली जा सकते हैं। वहां केंद्रीय नेतृत्व से होने वाली चर्चा में मंत्रिमंडल भी एक अहम विषय रहेगा। कुछ नाम केंद्रीय नेतृत्व भी दे सकता है।
– मालवा-विंध्य को मिलेगा ज्यादा मौका
मंदसौर गोलीकांड की नाराजगी के बावजूद भाजपा को विधानसभा चुनाव में मालवा से अच्छी सीटें मिली थीं। वहीं, ङ्क्षवध्य में तो कांगे्रस का सूपड़ा साफ हो गया था। जबकि इन दोनों अंचलों से शिवराज के मंत्रिमंडल में ज्यादा चेहरे नहीं थे। शिवराज के मंत्रिमंडल में इस बार मंदसौर, नीमच, रीवा, सीधी और सतना से कुछ विधायकों को शामिल करने की तैयारी है। इसमें कुछ युवा चेहरे भी हो सकते हैं।
– इनकी हो सकती है संगठन में एंट्री
सुरेंद्र पटवा : शिवराज सरकार में मंत्री रहे पटवा को इस बार संगठन में भेजा जा सकता है।
पारस जैन : शिवराज कैबिनेट में ऊर्जा मंत्री रहे पारस जैन को अब स्वास्थ्य कारणों से मंत्री की जगह संगठन में जगह दी जा सकती है।
उमाशंकर गुप्ता : पूर्व मंत्री, पिछला चुनाव हारे। शिवराज के करीबी। ऑपरेशन लोटस में मुख्य भूमिका। अब संगठन में अहम मुकाम देने की तैयारी।
लाल सिंह आर्य : पूर्व मंत्री। शिवराज के करीबी। पिछला चुनाव हार गए थे। अब संगठन में एससी वर्ग के प्रतिनिधि के रूप में जिम्मा मिल सकता है।
अर्चना चिटनिस : पूर्व मंत्री। पिछला चुनाव हारीं। अब संगठन में सक्रिय करने की तैयारी।
दीपक जोशी : पूर्व मंत्री चुनाव हारे, अब मालवा में पैठ बनाने के लिए इन्हें संगठन से जोड़ा जा सकता है।
ओमप्रकाश धुर्वे : शिवराज सरकार में खाद्य मंत्री रहे। अब विधायक नहीं हैं। ऐसे आदिवासी चेहरे के रूप में संगठन में शामिल करने की पूरी तैयारी है।
ललिता यादव : यादव वर्ग को साधने के लिए पूर्व मंत्री यादव को संगठन में शामिल किया जा सकता है।
– संगठन से सत्ता में जा सकते हैं ये चेहरे
अरविंद भदौरिया, प्रदेश उपाध्यक्ष : ऑपरेशन लोटस के अहम किरदार। भदौरिया को शिवराज मंत्रिमंडल में अहम विभाग मिलना तय है।
ऊषा ठाकुर, प्रदेश उपाध्यक्ष : पिछली बार इंदौर से किसी को मंत्री बनने का मौका नहीं मिला था। इस बार ऊषा ठाकुर के नाम पर विचार हो रहा है।
प्रदीप लारिया, प्रदेश उपाध्यक्ष : सागर जिले से लारिया के अलावा तीन बड़े दावेदार हैं। ऐसे में यदि समीकरण बिगड़े तो एससी कोटे से लारिया की एंट्री हो सकती है।
रामेश्वर शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष : शिवराज के करीबी। भोपाल से इन्हें मौका मिल सकता है।
कृष्णा गौर, प्रदेश मंत्री : महिला नेत्री के रूप में अनुभवी, शिवराज कैंप से जुड़ी कृष्णा भी मंत्री पद की दावेदार हैं।
ब्रजेंद्र प्रताप ङ्क्षसह, प्रदेश मंत्री : पिछली शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके ब्रजेंद्र को बुंदेलखंड में संतुलन साधने मौका मिल सकता है।