15 साल में ३० बार रक्तदान
५२ साल के सुनील जैन ने १५ साल में ३० बार रक्तदान किया। हमीदिया अस्पताल के ब्लड बैंक में इनका पहचान रिकार्ड वाले जैन साहब के नाम से दर्ज है। अब तक वह ३० मर्तबा ब्लड डोनेट कर चुके हैं। इसकी शुरुआत उन्होंने दिसंबर 2000 में सड़क हादसे में घायल दोस्त के पिता के लिए ब्लड डोनेशन से की थी। इन्होंने बताया कि बीते 15 सालों में 35 बार ब्लड डोनेशन मरीज के परिजनों के फोन कॉल पर आकर अस्पताल में किया है। वे रक्तदान ने दिलाई शहर में पहचान रक्तदान के लिए चलते पहचान ही बन गई ब्लड डोनेट करने के लिए जागरूकता लाने सालों से काम कर रहे हैं। राकेश अग्रवाल ने बताया कि वे १५ बार ब्लड डोनेट कर चुके हैं।
कॉलेज स्तर पर तैयार हो रहे युवा डोनर
१९९० से ११ हजार यूनिट रक्तदान कराया। यह प्रयास शहर में पहचान बन गया। अब युवा डोनर तैयार करने के लिए कॉलेज स्तर पर स्टूडेन्ट को मोटिवेट किया जा रहा है। हर धर्म के लोगों को जोड़ा।
तीन हजार से ज्यादा रक्तदाता संपर्क में
रक्त के लिए कोई मरीज परेशान न हो इसके लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया गया। इसके लिए करीब एक हजार से ज्यादा रक्तदाता जुड़े हैं। ये शहर के हर हिस्से में हैं। इसके लिए रक्तदान जीवनदान नाम की संस्था काम कर रही है। इसके राकेश अग्रवाल ने बताया कि अस्पतालों में विशेष संपर्क है। इसके अलावा जीवन सार्थक नाम की संस्था से भी सैकड़ों रक्तदाता जुड़े हैं। संस्था के शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि ऑनलाइन रक्त की सुविधा मुहैया है। ऐसे कई रक्तदाता हमसे जुड़े हैं जो नियमित रक्तदान करते हैं।
राकेश अग्रवाल बताते हैं जीवन धारा नाम से एक ऐप भी है। इसके जरिए शहर में किसी भी ग्रुप का ब्लड डोनर तलाशा जा सकता है। रक्तदाताओं की खोज के लिए इसे बनाया गया है।
रक्तदान के मामले में अब भी भोपाल बहुत पीछे है। आंकड़ों की माने तो राजधानी में हर साल १ लाख यूनिट रक्त की जरूरत होती है। लेकिन इसके बदले केवल १५ हजार यूनिट रक्त ही जमा हो पाता है। ८५ हजार यूनिट की कमी रह जाती है। इसके लिए परिजन परेशान होते हैं।